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स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए वरदान साबित होगी ये पहल, विकास खंड अधिकारी ने की शुरुआत - Self help group paonta sahib news

पांवटा साहिब में विकास खंड अधिकारी गौरव धीमान ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए क्षेत्र में एक दुकान का शुभारंभ किया गया. उनकी इस पहल से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को अपना उत्पाद बेचने में आसानी होगी.

launched the shop for Self help group workers
पावंटा साहिब

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Published : Oct 2, 2020, 11:45 AM IST

पांवटा साहिब: हिम ईरा दुकान में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों को एक ही स्थान पर बेचने की पहल विकास खंड अधिकारी पांवटा साहिब द्वारा की गई है. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए एक दुकान का शुभारंभ किया गया है जिसमें स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा निर्मित किए उत्पाद जिनमें अधिकतर सामान हाथों से ही बनाए गए हैं इनको यहां पर बेचा जा सकेगा.

बता दें कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा सामान का उत्पादन किया जाता था, लेकिन उनकी मार्केटिंग में वो पीछे रहती थी. जिसके चलते उन्हें अच्छे दाम नहीं मिल पाते थे और उनकी हस्तकला सहित उनकी प्रतिभा लोगों तक नहीं पहुंच पाती थी. ऐसे में विकास खंड अधिकारी द्वारा ये पहल शुरू की गई है.

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स्वयं सहायता समूह की सदस्य निर्मला ने बताया कि दुकान खुलने से अब उन्हें फायदा मिलेगा, क्योंकि पहले अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए बहुत परेशानियां झेलनी पड़ती थी और आधे प्रोडक्टों को कम दामों में भी बेचना पड़ता था. ऐसे में खंड विकास अधिकारी द्वारा शुरू की गई इस पहले से सभी महिलाओं को मुनाफा मिलेगा और अब महिलाएं आगे बढ़ेंगी.

विकास खंड अधिकारी गौरव धीमान ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ये पहल की गई है, जिसमें स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाए गए हस्त उत्पाद जैसे आचार, चटनी, सॉफ्ट टॉय, जूट के थैले व बैग सहित पत्तल का सामान इस बिक्री केंद्र पर लोगों को उपलब्ध होगा. उन्होंने कहा कि इन उत्पादों के दाम भी प्रोडक्ट की गुणवत्ता के अनुसार रखे गए हैं और इससे 600 महिलाओं को फायदा मिलेगा.

गौरव धीमान ने बताया कि राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत जो महिलाएं इन स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई हैं. उन्हें आत्मनिर्भर बनाने व रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ये योजना बनाई जाती है और इस राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को ट्रेनिंग व फंड भी उपलब्ध करवाया जाता है. उन्होंने बताया कि महिलाएं कोई भी प्रोडक्ट बनाती थी, तो उसको मार्केट में उपलब्ध करवाने में समस्या आती थी. जिससे ये पहल शुरू कीग ई है.

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