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देवभूमि क्षत्रिय संगठन ने निकाली रैली, स्वर्ण आयोग के गठन की रखी मांग - नाहन न्यूज

नाहन में देवभूमि क्षत्रीय संगठन की ओर से जिला मुख्यालय नाहन में बुधवार को एक रोष रैली निकाली गई. संगठन ने डीसी सिरमौर के माध्यम से एक ज्ञापन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भेजा. संगठन ने सरकार की शगुन योजना की घोषणा का भी कड़ा विरोध जताया है और यह योजना सभी बेटियों के लिए लागू करने की मांग की.

Devbhoomi Kshatriya organization sent ultimatum to government with demands
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Published : Mar 10, 2021, 4:57 PM IST

नाहनः देवभूमि क्षत्रिय संगठन की ओर से जिला मुख्यालय नाहन में बुधवार को एक रोष रैली निकाली गई. महिला लाइब्रेरी से लेकर डीसी कार्यालय तक आयोजित इस रैली के माध्यम से संगठन के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने हिमाचल सरकार से स्वर्ण आयोग के गठन की घोषणा करने की मांग की.

शगुन योजना सभी बेटियों के लिए लागू करने की मांग

इस बारे में संगठन ने डीसी सिरमौर के माध्यम से एक ज्ञापन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भेजा. संगठन ने सरकार की शगुन योजना की घोषणा का भी कड़ा विरोध जताया है और यह योजना सभी बेटियों के लिए लागू करने की मांग की.

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शगुन योजना पर नाराजगी

मीडिया से बात करते हुए देवभूमि क्षत्रिय संगठन की महिला विंग की अध्यक्षा सीमा चौहान ने कहा कि सरकार की ओर से दिया जाने वाला आरक्षण आर्थिक आधार पर मिलना चाहिए. सरकार की शगुन योजना पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने इस योजना को एससीएसटी वर्ग की कन्याओं के लिए ही लागू किया है.

स्वर्ण आयोग के गठन की घोषणा

उनका आरोप है कि राजपूत की कन्याओं को इस योजना में क्यों शामिल नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि राजपूत समुदाय की लड़कियां भी इसी हिमाचल प्रदेश की बेटियां हैं. सरकार को बेटियों को लेकर भेदभाव नहीं करना चाहिए था. उन्होंने सरकार से स्वर्ण आयोग के गठन की घोषणा भी की है.

हिमाचल में स्वर्ण आयोग का हो गठन

वहीं, संगठन के पदाधिकारी प्रताप रावत ने कहा कि हिमाचल में स्वर्ण आयोग का गठन होना चाहिए. साथ ही आर्थिक आधार पर आरक्षण मिलना चाहिए. इन मांगों को लेकर आज डीसी सिरमौर के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजा गया है.

सरकार को 90 दिन का दिया अल्टीमेटम

देवभूमि क्षत्रिय संगठन ने यह भी ऐलान किया कि स्वर्ण आयोग के गठन को लेकर सरकार को 90 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है. यदि इस दौरान उनकी मांग को पूरा नहीं किया जाता, तो सरकार इसका परिणाम भी भुगतने को तैयार रहे.

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