नाहन: सिरमौर जिला मुख्यालय में जनसुविधा के लिए लगाई गई स्ट्रीट लाइटों के बिजली बिलों को लेकर नगर परिषद (Sirmaur Municipal Council) व बिजली बोर्ड (electricity board in Sirmaur) के बीच आपसी टकराव देखने को मिल रहा है. ऐसे में दोनों विभागों के बीच चल रही आपसी खींचातानी यदि इसी तरह जारी रही, तो आने वाले दिनों में शहर के लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.
दरअसल, नगर परिषद नाहन पर स्ट्रीट लाइटों के बिलों की एवज में बिजली बोर्ड की करीब 1 करोड़ की देनदारी है, जिसमें से हाल ही में 30 लाख रुपये नगर परिषद ने जमा करवा दिए हैं. मगर इसी बीच बिजली बिलों की भारी भरकम राशि को निपटाने के लिए नगर परिषद ने एक नया फरमान जारी कर दिया है. इसके तहत नगर परिषद ने अपने अधिकार क्षेत्र में लगे बिजली बोर्ड के करीब 145 ट्रांसफार्मरों की एवज में किराया वसूली का फैसला लिया (electricity board Conflict in nahan) है.
नगर परिषद ने महीने के प्रति ट्रांसफार्मर 1000 रुपए और साल के 12 हजार प्रति ट्रांसफार्मर तय कर दिए है. यानी एक महीने में बिजली बोर्ड को नाहन शहर में लगे ट्रांसफार्मरों के लिए 1 लाख 45 हजार रुपये देने (Sirmaur Municipal Council Conflict) होंगे. ऐसे में बिजली बोर्ड ने भी नगर परिषद के इस फैसले का विरोध करते हुए सरकार के समक्ष यह मामला रखने की बात कही है, क्योंकि प्रदेश भर में कहीं पर भी ट्रांसफार्मरों को लेकर नगर निकाय किराए की वसूली नहीं कर रहे हैं. लिहाजा नाहन शहर में दोनों विभागों के बीच चल रही यह खींचातानी अब खुलकर सामने आ गई है.
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी संजय तोमर ने बताया कि बिजली बोर्ड जनसुविधा के लिए लगाई गई स्ट्रीट लाइटों की बिजली को कमर्शियल रेट पर दे रहा है. ऐसे में करीब 1 करोड़ के बिलों की देनदारी नगर परिषद पर (Conflict in Sirmaur) है. उन्होंने बताया कि नगर परिषद ने अब यह तय किया है कि शहर में बिजली बोर्ड के जितने भी ट्रांसफार्मर नगर परिषद की भूमि पर लगी है, संबंधित विभाग से महीने के प्रति ट्रांसफार्मर 1 हजार रुपये किराया निर्धारित किया गया है, ताकि बिजली बिलों को सेटल किया जा सके.