नाहन:ऑल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी (All Himachal Muslim Welfare Society) ने देश के अन्य राज्यों की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में भी जल्द से जल्द अल्पसंख्यक आयोग के गठन की मांग की है. इस संबंध में सोसायटी के चेयरमैन सादिक खान ने सोमवार को जिला मुख्यालय नाहन में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े विभिन्न मांगों का सरकार से शीघ्र समाधान करने की गुहार लगाई है. सोसायटी के अनुसार पिछले करीब 10 सालों से सोसायटी अल्पसंख्यक समुदाय की मांगों को उठाती रही है, लेकिन अब तक कुछ नहीं बना. ऐसे में सरकार उनकी मांगों का भी जल्द समाधान करें.
Demand for minority status: हिमाचल में भी जल्द किया जाए अल्पसंख्यक आयोग का गठन: सादिक खान - ऑल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी
का कहना है कि (All Himachal Muslim Welfare Society) देश के 20 राज्यों में अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया गया है. पिछले काफी समय से प्रदेश सरकार से यहां भी अल्पसंख्यक आयोग बनाने की मांग की जा रही है, जोकि आज तक पूरी नहीं हुई. उन्होंने कहा कि सरकार जल्द प्रदेश में अल्पसंख्यक आयोग का गठन करें,
मीडिया से बात करते हुए मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी के चेयरमैन सादिक खान ने कहा कि देश के 20 राज्यों में अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया गया है. पिछले काफी समय से प्रदेश सरकार से यहां भी अल्पसंख्यक आयोग बनाने की मांग की जा रही है, जोकि आज तक पूरी नहीं हुई. उन्होंने कहा कि सरकार जल्द प्रदेश में अल्पसंख्यक आयोग का गठन करें, ताकि अल्पसंख्यक समुदाय को अपनी (Demand for minority status) मांगे व समस्याएं रखने के लिए उचित मंच मिल सके. अन्य मांगों का जिक्र करते हुए सादिक खान ने कहा कि 15 सूत्रीय कार्यक्रम को भी इम्पलीमेंट किया जाए, ताकि संबंधित समुदाय के प्रतिनिधि भी अपनी समस्याएं प्रशासन के समक्ष रख सकें.
उन्होंने सरकार से यह भी मांग की है कि कब्रिस्तान के लिए (All Himachal Muslim Welfare Society) भूमि उपलब्ध करवाई जाए और इसके अलॉटमेंट की प्रक्रिया को भी सरल बनाया जाए, ताकि लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े. पत्रकारवार्ता में सोसायटी ने सरकार से यह भी मांग उठाई कि ओबीसी कमीशन में मुस्लिम समुदाय की कुछ जातियों को जो छूट दी गई है, उनको भी ओबीसी में शामिल किया जाए. वहीं, ऑल हिमाचल मुस्लिम समुदाय में से कुछ नुमाइदगी मुहैया करवाई जाए, ताकि सरकार तक समुदाय की समस्याओं व परेशानियों को सरकार के समक्ष रखा जा सके.