नाहन:सिरमौर जिले में 10 ऐसे स्थान हैं, जहां पानी की कमी है (water problem in sirmaur) और यहां इस समस्या को दूर करने के लिए जिला प्रशासन वर्षा जल संरक्षण करने की योजना बना (water conservation in Sirmaur) रहा है. साथ ही जिले में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में जल के परंपरागत स्रोतों जैसे तालाबों, बावड़ियों से संबंधित आंकड़े एकत्रित भी किए जाएंगे. इस संबंध में जिला प्रशासन ने संबंधित विभागों को 22 अप्रैल से पहले योजना तैयार करने के निर्देश जारी किए हैं, ताकि मानसून से पहले 15 जून तक सभी आवश्यक कदम उठाए जा सकें.
डीसी सिरमौर राम कुमार गौतम ने बताया कि जल शक्ति अभियान के अंतर्गत जिला सिरमौर में नदियों और नालों में बरसात के दौरान जल संरक्षण के लिए 22 अप्रैल से पहले अधिकारियों को कार्य योजना तैयार करने के निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत नदियों व नालों के किनारों पर चेक डेम और अन्य वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाए जाएंगे. जिसका उद्देश्य नदियों के वर्षा जल को संरक्षित कर, नदी नालों के जल को एकत्र करके, भूमि के जल स्तर को बढ़ाना और अतिरिक्त पानी को सिंचाई के अलावा अन्य उपयोग में लाना है.
डीसी सिरमौर ने बताया कि जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में जल के (water conservation in Sirmaur) परंपरागत स्रोतों जैसे तालाबों, बावड़ियों इत्यादि से संबंधित आंकड़े एकत्रित किए जाएंगे ताकि मानसून से पहले 15 जून तक इस अभियान के अंतर्गत किए जाने वाले कार्य को जल शक्ति अभियान एप पर अपलोड किया जा सके. उन्होंने बताया कि जिले में कालाअंब, हरिपुरखोल, जलमूसा का खाला, संगड़ाह, धारटीधार, पच्छाद, शिलाई व मातर भेडों इन 10 क्षेत्रों में पानी की कमी है.