करसोग:कोरोना काल में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया. हर काम, कारोबार और शख्स पर इसका असर पड़ा लेकिन कोरोना काल में ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा कई लोगों के लिए वरदान साबित हुआ. हिमाचल प्रदेश के करसोग विकास खंड में कोरोना काल के कठिन दौर में ग्रामीणों ने मनरेगा को हाथों हाथ लिया है.
मनरेगा में ग्रामीण भूमि सुधार, रेन हार्वेस्टिंग टैंक, कैटल शैड आदि जैसे कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है. मनरेगा की बदौल ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य तो हो ही रहे हैं साथ ही लोगों को रोजगार भी मिल रहा है.
करसोग में करोड़ों के काम हुए
चालू वित्त वर्ष के आंकड़े पर गौर करें तो करसोग में मनरेगा के तहत 11.86 करोड़ खर्च किए जा चुके है. इसमें 12,462 परिवारों को रोजगार दिया गया है. इस दौरान 33,159 महिलाओं ने मनरेगा में रोजगार प्राप्त किया है. इसी तरह से कार्य दिवस के आंकड़ों के मुताबिक मनरेगा श्रमिकों ने अब तक कुल 4 लाख 67 हजार 303 रोजगार दिवस अर्जित किए हैं. इसमें 2 लाख 45 हजार 484 कार्य दिवस महिलाओं के हैं. इस तरह मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी करीब करीब पुरुषों के ही समान है. ऐसे में मनरेगा से महिलाएं आर्थिक तौर पर आत्म निर्भर हुई हैं. अब महिलाएं घर के जरुरी खर्च उठाने में पुरुषों पर आश्रित नहीं है.
महिलाओं के लिए सौगात है मनरेगा
मनरेगा ने ग्रामीण इलाकों में लोगों के लिए समृद्धि के द्वार खोले हैं. खासकर महिलाओं के लिए मनरेगा किसी सौगात से कम नहीं है क्योंकि महिलाएं घरेलू काम करने के साथ मनरेगा में दिहाड़ी कमाकर अपना घर भी चला रही हैं. मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक करसोग में 33,159 महिलाओं को मनरेगा के तहत रोजगार प्राप्त हुआ है. कार्य दिवस की बात करें तो करसोग में 2 लाख 45 हजार 484 कार्य दिवस महिलाओं के हैं.