करसोग: कोरोना के खौफ से लगा कर्फ्यू किसानों की रोजी रोटी पर भारी पड़ने लगा है. उपमंडल में इन दिनों मटर सहित गोभी की नकदी फसल खेतों में तैयार है, लेकिन कर्फ्यू के कारण गाड़ियां न चलने और स्थानीय मंडी में बोली न लगने से किसानों को फसल खेतों में बर्बाद होने का डर सताने लगा है.
करसोग में अधिकर परिवारों की साल भर की रोजी रोटी सब्जियों के कारोबार से ही चलती है. करसोग में मटर सीजन पिछले सप्ताह शुरू हो गया. हालांकि शुरू में बहुत कम मटर ही मंडी में बिकने के लिए पहुंचा, लेकिन अब कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मटर और गोभी की फसल तैयार है.
अगले कुछ दिनों में अधिकतर क्षेत्रों में फसल पूरी तरह से तैयार हो जाएगी. करसोग में मटर रबी सीजन में ली जाने वाली प्रमुख फसल है. ऐसे में मटर किसानों की आर्थिकी एक बड़ा साधन भी है. सर्दियों में किसान अधिकतर कृषि योग्य क्षेत्र में मटर की बिजाई की है. करसोग में हर साल रबी सीजन में मटर का कारोबार 8 से 9 करोड़ का रहता है.
लगातार बढ़ रहा सब्जी उत्पादन का क्षेत्रफल
करसोग में पिछले कुछ सालों से नकदी फसलों की ओर किसानों की दिलचस्पी बढ़ी है. ऐसे में धीरे-धीरे सब्जी उत्पादन का क्षेत्र भी लगातार बढ़ रहा है. इस बार रबी सीजन में 450 हेक्टेयर भूमि पर सब्जियों की पैदावार ली जा रही है. इसमें अकेले 250 हेक्टेयर में मटर की बिजाई की गई है.
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