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दो घंटे का पैदल सफर कर स्कूल पहुंचती थी उषा, हिमाचल में टॉप-10 में बनाई जगह

उषा बताती हैं कि दुर्गम इलाके में रहने की वजह से स्कूल जाने के लिए यहां कोई सुविधा नहीं है. हर रोज दो घंटे का पैदल रास्ता तय कर स्कूल जाना पड़ता है. लेकिन आज इस मुकाम को हासिल कर खुशी महसूस हो रही है.

उषा.

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Published : Apr 23, 2019, 9:30 AM IST

सुंदरनगर: हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के जमा दो के घोषित परीक्षा परिणाम में सुंदरनगर की उषा ने कला संकाय में टॉप टेन में जगह बनाई है. उषा ने कुल 500 में से 474 अंक के साथ 94.5 प्रतिशत से प्रदेशभर में छठा स्थान हासिल किया है. उषा के इस उपलब्धि से उपमंडल सहित जिला मंडी का मान बढ़ा है.

उषा

सुंदरनगर की दुर्गम पंचायत जरल के कोट निवासी वार्ड सदस्य सुरेंद्र कुमार की बेटी है. कलां संकाय में इतनी बड़ी उपलब्धि से सीसे स्कूल के शिक्षक गर्व महसूस कर रहे हैं.

उषा ने ईटीवी सवांदाता नितेश सैनी से अपनी उपलब्धि सांझा करते हुए कहा कि इस कामयाबी के पीछे उनके माता-पिता और अध्यापकों का अहम योगदान रहा है. उषा बताता है कि उनके माता-पिता खेती बाड़ी करते हैं और धूप में मेहनत करके उन्हें पढ़ाया है. दुर्गम इलाके में रहने की वजह से स्कूल जाने के लिए यहां कोई सुविधा नहीं है. हर रोज दो घंटे का पैदल रास्ता तय कर स्कूल जाना पड़ता है. लेकिन आज इस मुकाम को हासिल करने में उन्हें खुशी महसूस हो रही है.

स्कूल के प्रधानाचार्य चतर सिंह ने कहा कि उषा ने स्कूल का नाम पूरे प्रदेश में रोशन किया है. उसके माता-पिता इतने पढ़े लिखे नहीं है, मगर उनकी बेटी ने साबित कर दिया कि वह बेटी होकर कुछ भी कर सकती है.

बेटी की इस उपलब्धि पर पिता सुरेंद्र कुमार ने कहा कि उनकी बेटी ने उनकी अधूरी पढ़ाई को भी पूरा कर दिया. वहीं, बेटी के प्रर्दशन पर माता भूमा देवी का तो खुशी का ठिकाना ही नहीं है. उषा ने इस सफलता के श्रेय आने माता-पिता और गुरुजनों को दिया है. उषा ने कहा कि वह उच्च शिक्षा हासिल कर अध्यापिका बनना चाहती है.

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