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हिमाचल में नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में सवर्ण संगठनों ने किया प्रदर्शन, सरकार को दी चेतावनी

देवभूमि क्षत्रिय संगठन (DEVBHOOMI KSHATRIYA SANGATHAN) के प्रदेश अध्यक्ष और कई अन्य नेताओं की गिरफ्तारी के बाद हिमाचल प्रदेश में सवर्ण समाज के लोग सड़कों पर उतर आए हैं और नेताओं की रिहाई की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही यह आंदोलन और उग्र होगा और प्रदेश सरकार को दर्जन नहीं बल्कि सैकड़ों लोगों की गिरफ्तारी करनी होगी. देवभूमि क्षत्रिय संगठन एवं देवभूमि सवर्ण मोर्चा का कहना है कि इस दौरान मौके पर आने वाली दिक्कतों की सारी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी.

DEVBHOOMI KSHATRIYA SANGATHAN
नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में स्वर्ण संगठन ने किया प्रदर्शन

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Published : Mar 21, 2022, 3:39 PM IST

मंडी/सोलन/बिलासपुर: देवभूमि क्षत्रिय संगठन एवं देवभूमि सवर्ण मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रुमित ठाकुर व अन्य नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में मोर्चा ने सोमवार को मंडी शहर में प्रदर्शन किया. साथ ही शहर में एक रोष रैली निकाल कर मोर्चा के नेताओं को रिहा करने के नारे भी लगाए. इसके बाद मोर्चा के पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन मंडी के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को एक मांग पत्र भेजा.

मांग पत्र में नाचन मंडल ने इन नेताओं को जल्द रिहा करने की मांग (DEVBHOOMI KSHATRIYA SANGATHAN) उठाई है. इस मौके पर देवभूमि क्षत्रिय संगठन एवं देवभूमि सवर्ण मोर्चा के नाचन मंडल के अध्यक्ष सुरेश रावत ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार सवर्ण आयोग के गठन को लेकर गंभीर नहीं है जिसके चलते सरकार ने अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन करने वाले नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य को भी जेल में डालने की चेतावनी दी है जो सही नहीं है.

नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में सवर्ण संगठनों का प्रदर्शन

उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही सरकार संगठन के नेताओं को रिहा नहीं करती है तो आने वाले समय में संगठन के द्वारा प्रदेश भर में जेल भरो आंदोलन चलाया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने क्षत्रिय व सवर्ण समाज के लोगों को ज्यादा से ज्यादा इस आंदोलन में हिस्सा लेने की अपील भी की है.

वहीं, सवर्ण समाज की सोलन इकाई ने सोमवार को डीसी सोलन के माध्यम से प्रदेश के राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा है. जिसमें उन्होंने मांग की है कि 16 मार्च को शिमला में किए गए प्रदर्शन के बाद देर रात षड्यंत्र के दौरान देवभूमि क्षत्रिय संगठन के नेताओं और पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था उन्हें जल्द रिहा किया जाए.

इस दौरान देवभूमि क्षत्रिय संगठन सोलन के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र ठाकुर ने कहा कि 16 मार्च को शिमला में जो प्रदर्शन उनके द्वारा किया गया वो अपने हक के लिए था, लेकिन षड्यंत्र रचकर पथराव कर के इस संगठन को तोड़ने की कोशिश की गई है.

उन्होंने कहा कि देवभूमि क्षत्रिय संगठन के लोग खुद भी वीडियो निकालकर देख रहे हैं की आखिर वे कौन लोग थे जिन्होंने पथराव किया. उन्होंने कहा कि सरकार के इशारे पर पुलिस ने संगठन के अध्यक्ष रुमित ठाकुर, समेत अन्य पदाधिकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद रिमांड पर लिया है, जबकि संगठन से जुड़े यह पदाधिकारी पुरी तरहा से बेकसूर और निर्दोष हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा अबतक 8 से 10 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है.

उन्होंने कहा कि सवर्ण संगठन के पदाधिकारी सवर्णों के हितों के लिए अपना आंदोलन चलाए हुए हैं, जबकि प्रदेश सरकार के इशारे पर इन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार करने के साथ ही सैकड़ों कार्यकर्ताओं के विरुद्ध मामले बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि 16 मार्च को भगवा झंडे लगाकर प्रदर्शन करने गए पदाधिकारी को पुलिस द्वारा जगह जगह रोका गया,जिससे साफ जाहिर होता है कि सरकार आवाज को दबाना चाहतीं है.

इसके साथ ही सवर्ण समाज बिलासपुर इकाई ने जिला मुख्यालय पर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया. मुंह पर काली पट्टी बांधकर जिला मुख्यालय में रैली निकालते हुए अपनी मांगों को उजागर किया. इस अवसर पर उन्होंने उपयुक्त बिलासपुर के माध्यम से मुख्यमंत्री व राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया है.

नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में सवर्ण संगठनों का प्रदर्शन

सवर्ण समाज बिलासपुर इकाई के पदाधिकारियों का कहना है कि सवर्ण आयोग के गठन को लेकर संघर्ष कर रहे रुमित ठाकुर, मदन ठाकुर व दीपक की गिरफ्तारियां और शिमला पुलिस की ओर से सीसीटीवी फुटेज देखकर प्रदेशभर से सवर्ण समाज के पदाधिकारियों को उनके घरों से गिरफ्तार करना बिल्कुल गलत है. जिसका वह पूरा जोर विरोध करते हैं.

प्रदर्शन में मौजूद सवर्ण समाज के महिला प्रदेश अध्यक्ष उषा ठाकुर ने कहा कि उनकी मांग है कि देवभूमि क्षत्रिय संगठन के नेताओं और पदाधिकारियों को रिहा किया जाए. उन्होंने कहा कि सरकार के इशारों पर पुलिस ने संगठन के रुमित ठाकुर, मदन ठाकुर, दीपक ठाकुर स्वराज और पवन को गिरफ्तार करने के बाद रिमांड पर लिया है, जबकि संगठन से जुड़े या पदाधिकारी पूरी तरह से बेकसूर और निर्दोष हैं.

उषा ठाकुर ने कहा कि संगठन के पदाधिकारी स्वर्ण के हितों के लिए अपना आंदोलन चलाए हुए हैं, जबकि प्रदेश सरकार के इशारों पर 5 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार करने के साथ ही सैकड़ों कार्यकर्ताओं के विरुद्ध मामले बनाए हैं. कार्यकर्ताओं ने संगठन के नेताओं को रिहा करने की मांग उठाई है.

उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही इनकी सरकार रिहाई नहीं करती है तो यह आंदोलन और उग्र होगा और प्रदेश सरकार को दर्जन नहीं बल्कि सैकड़ों लोगों की गिरफ्तारी करनी होगी. इस दौरान मौके पर आने वाली दिक्कतों की सारी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी.

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