मंडी/सोलन/बिलासपुर: देवभूमि क्षत्रिय संगठन एवं देवभूमि सवर्ण मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रुमित ठाकुर व अन्य नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में मोर्चा ने सोमवार को मंडी शहर में प्रदर्शन किया. साथ ही शहर में एक रोष रैली निकाल कर मोर्चा के नेताओं को रिहा करने के नारे भी लगाए. इसके बाद मोर्चा के पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन मंडी के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को एक मांग पत्र भेजा.
मांग पत्र में नाचन मंडल ने इन नेताओं को जल्द रिहा करने की मांग (DEVBHOOMI KSHATRIYA SANGATHAN) उठाई है. इस मौके पर देवभूमि क्षत्रिय संगठन एवं देवभूमि सवर्ण मोर्चा के नाचन मंडल के अध्यक्ष सुरेश रावत ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार सवर्ण आयोग के गठन को लेकर गंभीर नहीं है जिसके चलते सरकार ने अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन करने वाले नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य को भी जेल में डालने की चेतावनी दी है जो सही नहीं है.
उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही सरकार संगठन के नेताओं को रिहा नहीं करती है तो आने वाले समय में संगठन के द्वारा प्रदेश भर में जेल भरो आंदोलन चलाया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने क्षत्रिय व सवर्ण समाज के लोगों को ज्यादा से ज्यादा इस आंदोलन में हिस्सा लेने की अपील भी की है.
वहीं, सवर्ण समाज की सोलन इकाई ने सोमवार को डीसी सोलन के माध्यम से प्रदेश के राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा है. जिसमें उन्होंने मांग की है कि 16 मार्च को शिमला में किए गए प्रदर्शन के बाद देर रात षड्यंत्र के दौरान देवभूमि क्षत्रिय संगठन के नेताओं और पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था उन्हें जल्द रिहा किया जाए.
इस दौरान देवभूमि क्षत्रिय संगठन सोलन के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र ठाकुर ने कहा कि 16 मार्च को शिमला में जो प्रदर्शन उनके द्वारा किया गया वो अपने हक के लिए था, लेकिन षड्यंत्र रचकर पथराव कर के इस संगठन को तोड़ने की कोशिश की गई है.
उन्होंने कहा कि देवभूमि क्षत्रिय संगठन के लोग खुद भी वीडियो निकालकर देख रहे हैं की आखिर वे कौन लोग थे जिन्होंने पथराव किया. उन्होंने कहा कि सरकार के इशारे पर पुलिस ने संगठन के अध्यक्ष रुमित ठाकुर, समेत अन्य पदाधिकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद रिमांड पर लिया है, जबकि संगठन से जुड़े यह पदाधिकारी पुरी तरहा से बेकसूर और निर्दोष हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा अबतक 8 से 10 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है.
उन्होंने कहा कि सवर्ण संगठन के पदाधिकारी सवर्णों के हितों के लिए अपना आंदोलन चलाए हुए हैं, जबकि प्रदेश सरकार के इशारे पर इन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार करने के साथ ही सैकड़ों कार्यकर्ताओं के विरुद्ध मामले बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि 16 मार्च को भगवा झंडे लगाकर प्रदर्शन करने गए पदाधिकारी को पुलिस द्वारा जगह जगह रोका गया,जिससे साफ जाहिर होता है कि सरकार आवाज को दबाना चाहतीं है.