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नागपुर विश्वविद्यालय के विद्यार्थी पढ़ेंगे पवन चौहान का यात्रा संस्मरण, इस राज्य के विद्यार्थी भी कर रहे अध्ययन - हिमाचल प्रदेश की ताजा खबरें

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के महादेव गांव के साहित्याकर पवन चौहान का किन्नर कैलाश यात्रा संस्मरण राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय नागपुर के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. पाठ्यपुस्तक का नाम साहित्य विविधा है.

नागपुर विश्वविद्यालय के विद्यार्थी पढ़ेंगे पवन चौहान का यात्रा संस्मरण
नागपुर विश्वविद्यालय के विद्यार्थी पढ़ेंगे पवन चौहान का यात्रा संस्मरण

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Published : Sep 29, 2021, 6:06 PM IST

सुंदरनगर:मंडी जिले के महादेव गांव (Mahadev Village) के युवा साहित्यकार पवन चौहान (Writer Pawan Chauhan) का यात्रा संस्मरण राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय नागपुर (Tukdoji Maharaj Nagpur University Nagpur) महाराष्ट्र (Maharashtra) के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. उनका यह संस्मरण किन्नर कैलाश की यात्रा (Kinnar Kailash Journey) से संबंधित है. इस बेहद कठिन, रोमांचक और धार्मिक यात्रा के उनके अनुभवों को नागपुर के हजारों विद्यार्थियों ने अपने हिन्दी के पाठ्यक्रम में वर्ष 2021 के सत्र से पढ़ना आरंभ किया. यह संस्मरण नागपुर विश्वविद्यालय (Nagpur University) के बीए हिंदी साहित्य प्रथम एवं द्वितीय सत्र के लिए पुस्तक में शामिल है.पाठ्यपुस्तक का नाम साहित्य विविधा है. हिन्दी के जाने माने साहित्यकारों के साथ विद्यार्थी पवन चौहान की रचना के रोमांच का भी आनंद लेंगे.

यह हिमाचल (Himachal) के लिए गर्व की बात है. इस पुस्तक में बालकृष्ण भट्ट, मोहन राकेश, शरद जोशी (Sharad Joshi) अमृतराय, रामवृक्ष बेनीपुरी, हरिशंकर परसाई, निर्मल वर्मा (Nirmal Verma), जयशंकर प्रसाद, गजानन माधव मुक्तिबोध, आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, कृष्णा सोबती, एपीजे अब्दुल कलाम (A P J Abdul Kalam), महादेवी वर्मा (mahadevi Verma), सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, सुदामा पांडेय धूमिल की रचनाएं सम्मिलित हुई हैं.

वीडियो.

बता दें इस संस्मरण को केरल (Kerala) के महात्मा गांधी विश्वविद्यालय कोट्टयम (Mahatma Gandhi University Kottayam) के बीकॉम के पाठ्यक्रम में वर्ष 2017 से लाखों विद्यार्थी पढ़ रहे हैं. पवन चौहान (Pawan Chauhan) युवा कवि, कहानीकार बाल साहित्यकार और फीचर लेखक के रूप में जाने जाते हैं. देश की प्रतिष्ठित पत्र.पत्रिकाओं में उनकी कविता, कहानी, बाल कहानी और फीचर प्रकाशित होते रहते हैं.

केरल के महात्मा गांधी विश्वविद्यालय कोट्टयम के बीकॉम पाठ्यक्रम के साथ पवन की बाल कहानी को हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (Himachal Pradesh Board of School Education) के पाठ्यक्रम की पांचवीं कक्षा, महाराष्ट्र के स्कूली पाठ्यक्रम की सातवीं कक्षा और सीबीएसई से संबद्ध निजी विद्यालय के पाठ्यक्रम की सातवीं कक्षा में भी यात्रा संस्मरण शामिल किया जा चुका है. पवन चौहान की प्रकाशित पुस्तकों में किनारे की चट्टान, कविता संग्रह, भोलू भालू सुधर गया, बाल कहानी संग्रह, बाल साहित्य,शोध सन्दर्भ, जड़ों से जुड़ाव, धरोहर संरक्षण की पहल, वह बिल्कुल चुप थी, नेशनल बुक ट्रस्ट (National Book Trust) द्वारा प्रकाशित कहानी की पुस्तक हैं. प्रकाशनाधीन पुस्तकों में तरकीब खेल की, बाल कहानी संग्रह प्रकाशन विभाग नई दिल्ली हिमाचल प्रदेश की 21 बाल कहानियां संपादित युवा कहानी संग्रह संपादित हिमाचल अकादमी शामिल हैं.

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