करसोग:करसोग में पीस मील वर्करों के टूल डाउन स्ट्राइक (strike of Piece Meal workers) पर जाने से परिवहन निगम की मुश्किलें बढ़ गई हैं. यहां वर्कशॉप में (HRTC workers on strike) सेवाएं दे रहे 17 पीस मील वर्कर अब अनिश्चितकालीन टूल डाउन स्ट्राइक पर हैं. ऐसे में बसों की समय पर मरम्मत नहीं हो पा रही है. जिससे परिवहन निगम के सामने लोगों को समय पर बहेतर सेवाएं देने का संकट खड़ा हो गया है.
हालांकि करसोग डिपो में व्यवस्था को (Karsog Depot workers on strike) सामान्य बनाने के लिए अन्य डिपो से तीन मैकेनिक भेजे गए हैं. लेकिन तीन लोगों के लिए 54 बसों को देखना आसान कार्य नहीं है. ऐसे में खराब बसों की समय पर मरम्मत न होने से अब आने वाले समय में आम लोगों की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं. वहीं, सरकार की ओर से मांगे न माने जाने से पीस मील वर्कर 29 नवंबर से टूल डाउन स्ट्राइक पर हैं, जो अभी जारी है. पीस मील वर्करों की मुख्य मांग अनुबंध पर लाये जाने की है.
करसोग डिपो में 11 पीस मील वर्कर पिछले सात साल से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जबकि 6 पीस मील वर्करों को सेवाएं देते हुए चार से पांच साल बीत गए हैं.ऐसे में इतना लंबा अरसा बीतने के बाद भी अनुबंध पर न लाए जाने से पीस मील वर्कर नाराज हैं. वहीं, बिना छुट्टी के आठ (Piece meal workers working hours) घण्टे ड्यूटी देने के बाद भी इन कर्मचारियों को हर माह मुश्किल से 7 से 8 हजार वेतन मिलता है, जिससे महंगाई के इस कठिन दौर में परिवार का खर्च चलना मुश्किल हो गया है.