Suket Devta Fair: सुकेत के राजा और मूल मांहूनाग जी के बीच था गहरा रिश्ता, ऐसे हुई थी पुत्र रत्न की प्राप्ति
राज्य स्तरीय सुकेत देवता मेला का (State Level Suket Devta Fair) आयोजन इस वर्ष 6 अप्रैल से 10 अप्रैल तक आयोजित किया जा रहा है. मूल मांहूनाग जी बखारी कोठी करसोग 27 मार्च को अपनी बखारी कोठी से हार प्रजा के साथ रवाना होंगे. देवता जी इस बार चुराग, पांगणा, निहरी होते हुए 6 अप्रैल को चांबी पहुंचेंगे जहां उनका स्वागत होगा और उसके बाद देवता सुकदेव वाटिका में पहुंच कर मेला शोभायात्रा में भाग लेकर मेला का आगाज करेगें.
सुंदरनगर: राज्य स्तरीय सुकेत देवता मेला 2022 के लिए मूल मांहूनाग जी बखारी कोठी करसोग 27 मार्च को अपनी बखारी कोठी से हार प्रजा के साथ रवाना होंगे. राज्य स्तरीय सुकेत देवता मेला का (Suket Devta Fair in Sundernagar) आयोजन इस वर्ष 6 अप्रैल से 10 अप्रैल तक आयोजित किया जा रहा है. देवता के गुर काहन चंद ने बताया कि सुकेत देवता मेला का आयोजन सुकेत के राजाओं द्वारा देव मूल मांहूनाग जी बखारी कोठी के सम्मान में लगाया जाता है.
सुकेत के राजा को (king of suket) मूल मांहूनाग जी की कृपा से पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी. पुत्र रत्न की प्राप्ति होने पर सुकेत के राजा ने देवता को अपने महल बुलाकर जातर दी थी. सुकेत के राजा और मूल मांहूनाग जी का आपस में गहरा नाता है. देवता ने अनेकों समय राजा की सहायता की और अंग्रेजों की कैद से छुड़वाया था. जिसके चलते सुकेत के राजा ने देवता को अपना आधा शासन भेंट किया था. राजाओं की परम्परा का सुंदरनगर प्रशासन और सुकेत सर्व देवता कमेटी निर्वहन कर रहे हैं.
जानकारी देते हुए मूल मांहूनाग जी बखारी कोठी करसोग के प्रधान संत राम ने बताया कि देवता दो वर्षों के बाद सुंदरनगर सुकेत देवता मेला के लिए 27 मार्च 2022 को अपनी बखारी कोठी से अपनी हार प्रजा के साथ रवाना होंगे. देवता जी इस बार चुराग, पांगणा, निहरी होते हुए 6 अप्रैल को चांबी पहुंचेंगे जहां परम्परा अनुसार सुंदरनगर प्रशासन उपमंडल अधिकारी, तहसीलदार तथा सुकेत सर्व देवता कमेटी के अध्यक्ष देवता का स्वागत करेंगे. उसके उपरांत देवता सुकदेव वाटिका में पहुंच कर मेला शोभायात्रा में भाग लेकर मेला का आगाज करेंगे.
ये भी पढ़ें :राष्ट्रीय होली उत्सव सुजानपुर में ये हिमाचली कलाकार देंगे प्रस्तुति, जानें सांस्कृतिक संध्या का शेड्यूल