मंडी: सुंदरनगर उपमंडल के निहरी विकास खंड में एक बूढ़ी मां परिवार के 6 दिव्यांग सदस्यों का वर्षों तक अपनी ममता के आंचल में पालन पोषण करती रही. अब इसे ऊपरवाले का खेल ही कहा जाएगा कि परिवार के सदस्यों को पाल रही मां की आंखों की रोशनी भी एक बीमारी के कारण चली गई. 70 वर्षीय बूढ़ी मां दिन भर बिस्तर पर पड़े परिवार की चिंता में रोती रहती है. इस परिवार की हालत के बारे में जब मंडी जिला रेड क्रॉस सोसायटी (Mandi District Red Cross Society) के सर्व दिले राम को पता चला तो उनके माध्यम से सोसायटी द्वारा परिवार के बीमार सदस्यों के लिए दवाइयों का प्रबंध किया और भविष्य में उन्हें विभिन्न योजनाओं से मिलने वाली सुविधाओं को लेकर कागजी औपचारिकताएं पूरी की.
बता दें कि निहरी खंड के डोभु गांव की पार्वती देवी के पति नरेणु राम की मृत्यु करीब 20 वर्ष पहले हो गई थी. एक मात्र बेटा है चांद राम, जो सुन और बोल नहीं पाता है. किसी तरह बेटे की शादी कमली देवी से हुई. शादी के बाद उनके दो बेटे और दो बेटियां हुई, लेकिन बच्चे पैदा होने के बाद दुश्वारियां और बढ़ गई. कमली देवी को अब सांस की समस्या है. चल फिरने पाने में सक्षम नहीं है. 35 वर्षीय बड़ा बेटा फल प्रकाश की टांग और पीठ सही नहीं है. पीठ की हड्डी बाहर निकली है और टांग टेढ़ी है. जिसके चलते चलने फिरने में परेशानी होती है और सुनाई भी कम देता है.
वहीं, छोटा बेटा कुंदन राम को सुनाई बिल्कुल नहीं देता है और बोल भी साफ नहीं पाता है. हालांकि 12वीं कक्षा पास करने के बाद कुंदन ने इलेक्ट्रिशियन ट्रेड में आईटीआई की हुई है. दो बेटियां हुईं तो उन्हें ठीक देखकर परिवार में थोड़ी खुशियां लौटी. बेटियां लता और माया स्कूल जाने लगी. एक 8वीं और दूसरी 5वीं कक्षा में पास के स्कूल में पढ़ने लगी, लेकिन उसके बाद उनकी भी रीढ़ की हड्डी पीठ से निकलकर बाहर आ गई. जिसके चलते उन्हें चलने फिरने में मुश्किल होने लगी और ऐसे में उनका स्कूल भी छूट गया.