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वन महोत्सव पर दिए जाने वाले पुरस्कारों पर उठे सवाल, चहेतों के नाम सूची में शामिल करने का आरोप - फारेस्ट डिपार्टमेंट मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन

राज्यस्तरीय 'वन महोत्सव' पर दिए (Van Mahotsav to be held in Chamba) जाने वाले पुरस्कार अब सवालों के घेरे में है. हिमाचल प्रदेश फारेस्ट डिपार्टमेंट मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन ने इन पुरस्कारों को लेकर विभाग द्वारा अपनाई गई चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं और अपने चहेतों के नाम सूची में शामिल करने का आरोप लगाया है. पढ़ें पूरी खबर...

Forest Department Ministerial Staff Association
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Published : Aug 1, 2022, 11:40 AM IST

मंडी:हिमाचल प्रदेश वन विभाग द्वारा राज्यस्तरीय 'वन महोत्सव' के आयोजन पर 2 अगस्त को चंबा में (Van Mahotsav to be held in Chamba) उत्कृष्ट कार्यों को लेकर कर्मचारियों और अधिकारियों को दिए जाने वाले पुरस्कार सवालों के घेरे में आ गए हैं. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर करेंगे. लेकिन इन राज्यस्तरीय पुरस्कारों को लेकर विभाग द्वारा अपनाई गई चयन प्रक्रिया पर हिमाचल प्रदेश फारेस्ट डिपार्टमेंट मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन (Forest Department Ministerial Staff Association) ने सवालिया निशान खड़े किए हैं.

रविवार को मंडी जिला के सुंदरनगर में आयोजित एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए एसोसिएशन शिमला यूनिट के अध्यक्ष प्रकाश बादल ने कहा कि वन महोत्सव पर 2 अगस्त को राज्यस्तरीय पुरस्कार के लिए विभिन्न कर्मचारियों और अधिकारियों का चयन ठीक प्रकार से नहीं किया गया है. बंद कमरे में अपने चहेतों को ही सम्मानित करने के लिए चयन प्रक्रिया अपनाई गई है और जिन लोगों ने जी जान मेहनत करके वन माफिया को लगाम कसने में अपनी जान हथेली पर लेकर रात दिन उत्कृष्ट काम किया है. उनका नाम दूर-दूर तक पुरस्कार की सूची में शामिल नहीं है.

उन्होंने कहा कि कहा कि इस आपत्ति को लेकर 1 अगस्त को वन विभाग के मुखिया से मिलेंगे और उन्हें ज्ञापन सौंपकर पुरस्कार की चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की मांग की जाएगी. अगर फिर भी वन विभाग चयन प्रक्रिया में बदलाव नहीं करता है, तो मजबूर होकर एसोसिएशन को राज्यस्तरीय पुरस्कार के लिए न्यायालय की शरण में जाकर अवार्ड देने पर स्टे आर्डर लिया जाएगा. वन विभाग में दो विंग कार्य कर रहे हैं. एक वन्य प्राणी विभाग और दूसरा टेरिटोरियल शामिल है. लेकिन इस प्रकार की चयन प्रक्रिया में वन्य प्राणी विभाग को ही प्राथमिकता दी गई है. इसमें न तो मिनिस्ट्रियल स्टाफ का कोई कर्मचारी शामिल है और न ही विभाग के अन्य श्रेणियों के कर्मचारी इसमें शामिल है.

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