मंडी: कोरोना महामारी के मुश्किल दौर में कोविड केयर सेंटर में आउटसोर्सिंग स्टाफ के तौर पर अपनी सेवाएं देने वाली स्टाफ नर्सों को आउटसोर्स कंपनियों ने अब बाहर का रास्ता (Staff nurses fired in Mandi)दिखा दिया. जिससे स्टाफ नर्सों में भारी रोष है. वीरवार को स्टाफ नर्सों ने ओरिएंटल फाउंडेशन के बैनर तले सेरी चानणी पर धरना (Staff nurses Protest in Mandi)प्रदर्शन किया और दोबारा उनकी सेवाएं बहाल करने की मांग की.
आउटसोर्सिंग स्टाफ नर्सों का हल्ला बोल, मंडी में किया प्रदर्शन
कोरोना महामारी के मुश्किल दौर में कोविड केयर सेंटर में आउटसोर्सिंग स्टाफ के तौर पर अपनी सेवाएं देने वाली स्टाफ नर्सों को आउटसोर्स कंपनियों ने अब बाहर का रास्ता (Staff nurses fired in Mandi)दिखा दिया.वीरवार को स्टाफ नर्सों ने ओरिएंटल फाउंडेशन के बैनर तले सेरी चानणी पर धरना (Outsourcing staff nurses protested in Mandi)प्रदर्शन किया और दोबारा उनकी सेवाएं बहाल करने की मांग की.
इस मौके पर स्टाफ नर्स प्रियंका ठाकुर, हर्षा शर्मा और लक्ष्मी ने बताया कि 6 महीने पहले 60 स्टाफ नर्सों की ड्यूटी कोविड केयर सेंटर खलियार(covid care center khaliyar mandi) मंडी में लगाई गई थी. इस दौरान उन्होंने जिले के अन्य अस्पतालों में भी अपनी जान जोखिम में डाल कर अपनी सेवाएं दी, परंतु उन्हें अब कंपनी ने बिना बताए 16 नवंबर से उनकी सेवाओं को बंद कर दिया. स्टाफ नर्सों का कहना है कि कोरोना महामारी के दौर में उन्होंने अपने परिवार से अलग रह कर भी लगातार अपनी सेवाएं दीं,लेकिन आज उन्हें इसके बदले बाहर निकाला जा रहा.
बता दें कि पिछले हफ्ते स्टाफ नर्सों ने अपनी मांगों का एक ज्ञापन प्रदेश सरकार को भी प्रेषित किया था. स्टाफ नर्सो ने जयराम सरकार से उनके लिए पॉलिसी बनाने की मांग उठाई.उनका कहना है कि नई पॉलिसी में यदि उन्हें नजर अंदाज किया जाता है तो वह सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया जाएगा. जिसकी जिम्मेदार हिमाचल प्रदेश की सरकार होगी.
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