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कैसे पढ़े और कैसे बढ़ें: आजादी के सात दशक बाद भी खतरनाक नाले की लहरों को चीरते हुए स्कूल पहुंचे हैं बच्चे

जिला की मशोग पंचायत के नौनिहाल स्कूल के लिए खड्ड के बीच से होकर गुजरते हैं, जिससे हमेशा उनको जान का खतरा रहता है. कई बार जिला प्रशासन को अवगत कराने पर नहीं हुई सुनवाई.

no bridge facility in mandi

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Published : Sep 3, 2019, 11:24 PM IST

मंडी: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला के करसोग खंड में पड़ने वाली मशोग पंचायत की थाची गांव के लोग पांगणा खड्ड को लोग जूते हाथ में उठाकर खड्ड से आर-पार गुजरने को मजबूर है. आलम ये है की नौनिहाल स्कूल के लिए खड्ड के बीच से होकर गुजरते हैं, जिससे उनको परेशानी का सामना करना पड़ता है.

बरसात के दिनों में सारे काम-काज छोड़कर अविभावकों को खुद बच्चों को कंधे पर उठाकर खड्ड पार कराना पड़ता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले भी खड्ड क्रॉस करते हुए एक युवक की मौत पानी के तेज बहाव में बहने के कारण हुई थी. इसके बावजूद भी प्रशासन ने खड्ड पार करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है. उन्होंने बताया कि खड्ड में अधिक पानी होने के कारण बच्चों को स्कूल से छुट्टी करनी पड़ती है.

खड्ड् पार करते बच्चे

मशोग पंचायत की प्रधान पार्वती देवी ने बताया कि पुल बनाने के पंचायत के पास पैसा नहीं है. मामले को बीडीओ करसोग के ध्यान में भी लाया गया है और इसके अतिरिक्त उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया गया है.

बीडीओ राजेंद्र सिंह तेजटा ने बताया कि खड्ड पर करीब 20 मीटर लंबा पुल बनेगा. मनरेगा के तहत इतने बड़े पुल का निर्माण कार्य संभव नहीं है. इस मामले को पीडब्ल्यूडी के ध्यान में लाया जाएगा.

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करसोग पीडब्ल्यूडी डिवीजन के अधिशाषी अभियंता मान सिंह ने बताया कि विभाग के पास पुल निर्माण के लिए बजट का प्रावधान नहीं है, इसलिए पुल का निर्माण संभव नहीं है.

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