मंडी: नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ ने गांधी जयंती और संगठन के स्थापना दिवस के मौके पर हिमाचल प्रदेश में 150 से अधिक जगहों पर पेंशन संकल्प दिवस मनाया. यह पेंशन संकल्प दिवस राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आह्वान पर पूरे भारतवर्ष में मनाया गया.
मंडी में यह कार्यक्रम प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर की अध्यक्षता में हुआ. कोविड-19 के चलते सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए संगठन ने पडल ग्राउंड से गांधी चौक तक शांति मार्च निकाला. गांधी चौक मंडी में गांधी की प्रतिमा को पुष्प अर्पित करके उन्हें श्रद्धांजलि दी गई और संगठन के सभी कर्मचारियों, पदाधिकारियों ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्रतिज्ञा ली कि वह तब तक पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्रयास करेंगे जब तक कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल नहीं की जाती है.
प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि उनका संगठन गांधी के पद चिन्हों पर चलते हुए अपनी पुरानी पेंशन बहाली की लड़ाई लड़ेगा. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा को मुख्य आधार बनाकर शक्तिशाली अंग्रेजों को इस देश से उखाड़ फेंका था जिसके बाद देश में लोकतंत्र व्यवस्था के अनुसार देश का शासन चल रहा है. लोकतंत्र में जनता का शासन, जनता के द्वारा और जनता के लिए होता है लेकिन वर्तमान समय में नेताओं ने इस शासन व्यवस्था की परिभाषा को बदलकर नेताओं का शासन, नेता द्वारा नेता के लिए कर दिया है.
प्रदीप ठाकुर ने कहा कि देश का दुर्भाग्य है कि एक अनपढ़ नेता को 1 दिन शपथ लेने के बाद भी पेंशन है जबकि कर्मचारियों को 30- 35 वर्ष सेवा देने के बाद भी पेंशन नहीं मिलती है. उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन उनका संवैधानिक अधिकार है. सुप्रीम कोर्ट ने भी कर्मचारियों की पेंशन को संवैधानिक अधिकार की संज्ञा दी है.