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जन्माष्टमी पर्व: पहली बार मुरली मनोहर मंदिर सूना, श्रद्धालु नहीं कर पाए कान्हा के दर्शन

सुजानपुर के मुरली मनोहर मंदिर में हर साल कृष्ण जन्माष्टी के अवसर पर लोगों की भीड़ उमड़ी होती थी. लोग हर साल मंदिर में पूजा अर्चना करते थे. कोरोना के चलते जन्माष्टमी के दिन इस मंदिर में श्रद्धालु नहीं आ पाए.

Murli Manohar temple sujanpur
मुरली मनोहर मंदिर

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Published : Aug 11, 2020, 5:12 PM IST

सुजानपुर: देशभर में इस साल 11 व 12 अगस्त को श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है. वहीं, कोरोना के चलते अभी तक प्रदेश में धार्मिक संस्थानों को खोला नहीं गया है. इसके चलते इस साल लोग अपने घरों में रहकर ही जन्माष्टमी का त्योहार मना रहे हैं और सभी तरह के एहितयात बरत रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर मंदिरों में पूजारियों की तरफ से हर साल की तरह ही पूजा-अर्चना करके कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी.

सुजानपुर के मुरली मनोहर मंदिर का इतिहास महाराजा संसार चंद के जमाने से हैं. कहा जाता है कि महाराजा संसार चंद भी मुरली मनोहर मंदिर में जन्माष्टमी के दिन माथा टेकने आते थे. वह इस दिन हर साल मुरली मनोहर मंदिर में भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त करते थे. इस मंदिर में लोगों की बहुत ज्यादा आस्था है.

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लोगों का मानना है कि यहां पर हर मनोकामना पूर्ण होती है लेकिन आज 400 सालों में पहली बार कोरोना महामारी के चलते जन्माष्टमी पर्व के अवसर पर मनोहर मंदिर पूरी तरह सुना रहा. कोरोना के चलते जन्माष्टमी के दिन इस मंदिर में श्रद्धालु नहीं आ पाए. हर साल जन्माष्टमी के मौके पर इस मंदिर में बड़ी तादाद में लोग मंदिर आते थे. मंदिर में इस अवसर पर खूब धूम होती थी. लोग हर साल मंदिर में जन्माष्टमी के मौके पर विशेष पूजा अर्चना करते थे.

मंदिर के पुजारी रवि अवस्थी ने बताया कि पिछले 400 सालों में यह पहली बार है कि मुरली मनोहर मंदिर बंद है. कोरोना महामारी के चलते मंदिर को बंद रखा गया है. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा दिए गए आदेशों का मंदिर में पूरी तरह से पालन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हर साल रात 12 बजे मंदिर में कृष्ण जन्म के समय उत्सव होता था, लेकिन कोरोना के चलते इस बार मंदिर में पुजारी केवल जन्माष्टमी पर पूजा ही करेंगे.

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