सुंदरनगर: हिमाचल प्रदेश सरकार और उच्च न्यायालय (Himachal Pradesh Government and High Court) द्वारा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जाधारियों (illegal occupants) के खिलाफ जहां सख्त रुख अख्तियार किया जा रहा है. वहीं, प्रदेश की सबसे बड़ी नगर परिषद सुंदरनगर (Municipal Council Sundernagar) में सरकारी भूमि पर अवैध रेहड़ियों (illegal street vendors) की संख्या पर लगाम लगाने में स्थानीय प्रशासन और नगर परिषद प्रबंधन (Local Administration and City Council Management) पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है. वर्तमान में नगर परिषद द्वारा इन रेहड़ी संचालकों से प्रतिदिन मात्र 40 रुपये की एक पर्ची काट कर अपने निहित कार्य से इतिश्री की जा रही है. इन रेहड़ियों द्वारा सड़क मार्गों पर अवरोध पैदा (blockage on roadways) कर यातायात को भी प्रभावित (traffic also affected) किया जा रहा है.
आलम यह है कि शहर से गुजरने वाले नेशनल हाईवे-21 चंडीगढ़-मनाली (NH-21 Chandigarh-Manali) और मुख्य बाजारों में रेहड़ियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इस पर रोक लगाने के लिए प्रशासन और नगर परिषद (Administration and city council) द्वारा अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है. खास बात यह है नगर परिषद के पास इन अवैध रेहड़ी संचालकों (illegal street vendors) की कोई पहचान भी नहीं है. ऐसे में जिला प्रशासन व नगर परिषद (District Administration and Municipal Council) की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजमी है.