करसोग:जिला मंडी के करसोग में बुधवार को भूकंप से धरती कांप उठी. जिसका केंद्र बिंदु करसोग में स्थित महाविद्यालय था. भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7 मापी गई. सुबह 11 बजे के करीब आए भूकंप के तेज झटकों के कारण करसोग महाविद्यालय में अफरा तफरी मच गई. जिसमें करीब 20 लोग घायल हो गए. प्रशासन ने तुरंत प्रभाव से घटना स्थल पर पहुंच कर सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया.
आपको बता दें कि ये कोई सच में भूकंप नहीं आया था, लेकिन प्रशासन ने मॉक ड्रिल को ऐसे प्लान किया था कि जैसे सच में भूकंप आया गया हो. इसकी खबर विभागों तक को भी नहीं थी. मॉक ड्रिल के लिए पहले से कोई भी टीमें गठित नहीं की गई थी, ताकि जानकारी मिल सके कि इस स्थिति से निपटने के लिए विभाग कितने तैयार है? इसके लिए ठीक सुबह 11 बजे एकदम से गाड़ियों के सायरन बज उठे.
इसी दौरान पुलिस सहित अग्निशमन व होम गार्ड को भूकंप की सूचना दी जाती है. जिस पर सभी विभागों के अधिकारी और कर्मचारी महाविद्यालय में पहुंच कर मोर्चा संभाल लेते हैं. इस दौरान अधिकारियों की एक टीम पूरी स्थिति का अवलोकन कर रही थी कि विभागों ने कैसा काम किया और कहां पर कमी रह गई है, ताकि इसे सुधारा जा सके. यहां तक कि मॉक ड्रिल में घायल कॉलेज के किस कोने में छुपे है.
अधिकारियों और कर्मचारियों को इस बात तक कि भी जानकारी नहीं दी गई थी. एसडीएम सन्नी शर्मा ने बताया कि करसोग में अगर रिक्टर पैमाने पर 7 की तीव्रता का भूकंप आता है तो इस बारे में मॉक ड्रिल की गई. इसमें में देखा गया कि कौन विभाग कैसे रिस्पोंड करते हैं और इसमें किस तरह की व्यवहारिक दिक्कतें आती है. उन्होंने कहा कि विभागों का रिस्पांस अच्छा रहा, लेकिन इस दौरान कुछ कमियां नजर आई है. जिसकी रिपोर्ट तैयार कर उपायुक्त को भेजी जाएगी.
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