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मंडीः इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए महिलाओं ने तैयार की आंवले से कैंडी व मुरब्बा

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Published : Dec 13, 2020, 6:33 PM IST

कोरोना संकट के बीच शीतला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने विटामिन-सी से भरपूर आंवला से कैंडी व जैम सहित अन्य प्रोडक्ट बना रहीं हैं. आंवला से बने प्रोडक्ट कोरोना काल में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी लाभदायक सिद्ध है.

candy with Wild gooseberry
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मंडीः कोरोना महामारी के दौरान शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में शीतला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने विटामिन-सी से भरपूर आंवला से कैंडी व जैम सहित अन्य प्रोडक्ट तैयार करके प्रदेश में एक मिसाल कायम कर दी है. आंवला से बने उत्पाद कोरोना काल के बीच में व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी लाभदायक सिद्ध है.

महिलाओं द्वारा मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए भी शुगर फ्री आंवला कैंडी तैयार की जाती हैं. मंडी जिला के बल्ह विकास खंड के बैरी मनसाई गांव की महिलाएं हैं, जिन्होंने न केवल संगठित होकर गांव में उपलब्ध खाद्य पदार्थों से पौष्टिक व स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद बनाने का कार्य शुरू किया है बल्कि अपनी आर्थिकी को भी मजबूत किया है.

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एक आंवले से बन रही इतनी चीजें

जाइका परियोजना द्वारा गठित शीतला स्वयं सहायता समूह ने कृषि विज्ञान केंद्र मंडी की गृह वैज्ञानिक डॉ. कविता शर्मा के सानिध्य में महिलाओं ने गांव में प्रचूर मात्रा में उपलब्ध औषधीय फल आंवले से कैंडी, जैम, चटनी व मुरब्बा बनाकर अपने और लोगों के परिवारों की पोषण सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

स्वयं सहायता समूह की 25 महिलाएं कृषि विज्ञान केंद्र मंडी के संपर्क में आने के बाद न केवल आंवला के उत्पाद तैयार किए, बल्कि फसल व सब्जी उत्पादन, उद्यानिकी और गृह विज्ञान सहित अन्य विषयों पर प्रशिक्षण प्राप्त करके इस क्षेत्र में संगठित होकर काम करना शुरू किया.

सोयाबीन से तैयार की पनीर व बर्फी

समूह सोयाबीन से पनीर व बर्फी बनाकर व बेचकर अपने परिवार की आर्थिकी सुधारने में मदद कर रही है. सोयाबीन पनीर, बर्फी के अलावा पारंपरिक मिश्रित अनाज जैसे जौ, बाजरा, कोदरा व सोयाबीन के आटे के लड्डू इस समूह के विशेष आकर्षण हैं जो लोगों में काफी लोकप्रिय हो रहे हैं. इसके अतिरिक्त यह महिलाएं बेसन व नारियल के लड्डू, खोया बर्फी व गुलाब जामुन भी बना रही हैं.

कृषि विज्ञान केंद्र का जताया आभार

शीतला स्वयं सहायता समूह की प्रधान रक्षा देवी ने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा आंवला से कैंडी बनाकर कोरोना काल में लोगों की इम्यूनिटी को बढ़ाने में सहायता की जा रही है. उन्होंने कहा कि भविष्य में समूह इस काम को बड़े स्तर पर चलाकर और अधिक प्रचलित करने की योजना तैयार की गई है. कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा समय-समय पर इस कार्य के लिए प्रेरित किया गया और उत्पाद तैयार करने में प्रशिक्षित भी किया गया है. उन्होंने प्रशिक्षण के लिए कृषि विज्ञान केंद्र का आभार जताया है.

महिलाओं को किया जाता है प्रशिक्षित

डॉ. कविता शर्मा ने कहा कि कोरोना काल में सामान्य सार्वजनिक जीवन में लोगों की स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है और पिछले कुछ समय से हमारे खानपान में आए बदलाव को सुधारने में व शरीर को स्वस्थ रखने व बीमारियों से बचाने के लिए नियमित पोषण की आवश्यकता पर अधिक ध्यान देना शुरू किया है. उन्होंने कहा कि ऐसे में शीतला स्वयं सहायता समूह के उत्पादों की मांग बढ़ने की आत्याधिक संभावना है. इन उत्पादों को बनाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा समूह की महिलाओं को समय-समय पर प्रशिक्षित किया जाता है.

स्वयं सहायता समूह महिलाओं को बना रहा सशक्त

कृषि विज्ञान केंद्र मंडी के सीनियर साइंटिस्ट एवं प्रभारी डॉ. पंकज सूद ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त व आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने में महिला स्वयं सहायता समूह कारगर माध्यम साबित हो रहे हैं. खेती के काम, पशु पालन, घर परिवार का संचालन व अन्य सामाजिक दायित्वों को निभाने के साथ-साथ आर्थिकीकरण की ओर भी महिलाओं ने अपने कदम बढ़ाए हैं.

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