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किसान ने चीड़ की पत्तियों से बनाया स्मोक लेस कोयला, जंगलों को आग से बचाने में मिलेगी मदद - smoke less coal from pine leaves

सुंदरनगर के किसान श्रवण कुमार ने अपनी सहयोगी टीम के साथ मिल कर हिमाचल के जंगलो को आग से बचाने के लिए चीड़ के पेड़ों से गिरने वाली पत्तियों (चलारू) से स्मोक लेस कोयला बना कर तैयार किया है.

mandi farmer made smoke less coal
mandi farmer made smoke less coal

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Published : Dec 25, 2019, 9:02 AM IST

Updated : Dec 25, 2019, 9:28 AM IST

सुंदरनगरः जिला मंडी उपमंडल सुंदरनगर की ग्राम पंचायत चांबी के गांव द्रमण निवासी गांव किसान श्रवण कुमार ने अपनी सहयोगी टीम के साथ मिल कर हिमाचल के जंगलो को आग से बचाने के लिए एक नई पहल की है. किसान ने चीड़ के पेड़ों से गिरने वाली पत्तियों (चलारू) से स्मोक लेस कोयला बना कर तैयार किया है. कोयला बनाने के लिए खाका तैयार कर प्रदेश सरकार को प्रेषित भी किया गया है.

सुंदरनगर दौरे पर पहुंची प्रदेश रेडक्रॉस सोसायटी की अध्यक्ष साधना ठाकुर और सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल को संपूर्ण जानकारी और तकनीक को प्रोत्साहन देने के लिए एक रिप्रजेंटेशन भी सौंपी गई. इस कोयले के तैयार होने से प्रदेश के जंगल जलने से बचने के साथ-साथ जंगल की आग से लुप्त हो रही वन और जीव संपदा को बचाने में भी मदद मिलेगी.

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जानकारी देते हुए किसान श्रवण कुमार ने कहा कि उनकी टीम की ओर से चीड़ के पत्तों (चलारू) से स्मोक लेस कोयला तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि इसे हम घरेलू इंधन भी कह सकते हैं, जिससे खाना बनाया जा सकता है. सर्दियो में घर व ऑफिस के कमरों को गर्म किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस इंधन में सब से बड़ी बात है की इसे बिल्कुल धुंआरहित बनाया गया है.

श्रवण कुमार ने सरकार से आग्रह किया है कि इस प्रोजेक्ट को मनरेगा के तहत क्रियान्वित किया जाना चाहिए, जिससे हिमाचल प्रदेश के जंगल आग से बच सकेंगे और हर साल आग की वजह से मरने वाले जंगली जानवर भी बच पाएंगें. श्रवण कुमार ने कहा हिमाचल प्रदेश के जंगलों में ज्यादा तर औषधियां हैं जो जगलों के जलने से खत्म होती जा रही है.

इस प्रोजेक्ट को लेकर जब हिमाचल रेडक्रॉस सोसायटी की अध्यक्ष और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की पत्नी डॉ. साधना ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने कहा की ग्रमीणों की ये पहल सराहनीय है. जहां इस से इनकम होगी तो दूसरा जगलों को आग से बचाया जा सकता है. उन्होंने कहा इस बारे में सीएम जयराम ठाकुर से बात की जायेगी और जो संभव हो पायेगा इस दिशा में कदम उठाये जायेगे.

कोयला बनाने की विधि
श्रवण कुमार ने कहा कि इस स्मोक लेस कोयले को बनाने के लिए 200 लीटर पानी किसी ड्रम में लेकर उसमें 25 किलो चिलारु डालना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि चीड़ की पत्तियों को चिकनी मिट्टी के साथ जलाया जाएगा.

इसमें चलारू व मिट्टी की मात्रा मौजूद रहेगी. इसे ढककर आधा जलाया जाएगा. छोटे-छोटे टुकड़े सूखने के बाद कोयले का रूप ले लेते है. उन्होंने कहा कि इसके निर्माण के लिए चावल के पुआल को भी उपयोग में लाया जा सकता है.

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Last Updated : Dec 25, 2019, 9:28 AM IST

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