करसोग:हिमाचल में जिला मंडी के तहत करसोग में भी पशुधन लंपी स्किन डिजीज की चपेट में आ गया है. उपमंडल के अंतर्गत अब तक 118 मामले सामने आए है. जिसमें अभी तक 7 पशुओं की मौत हो चुकी है. खास तौर पर गाय में लंपी स्किन डिजीज होने से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. किसानों का कहना है कि गाय में त्वचा पर चकत्ते, नाक बहना, तेज बुखार आने से दूध की मात्रा में कमी आ रही है.
क्या होता है लंपी वायरस?: लंपी स्किन डिजीज को 'गांठदार त्वचा रोग वायरस' भी कहा जाता है. वहीं, शार्ट में LSDV कहा जाता है. यह एक संक्रामक बीमारी है, जो एक पशु से दूसरे पशु को होती है. आसान शब्दों में कहें तो संक्रमित पशु के संपर्क में आने से दूसरा पशु भी बीमार हो सकता है. यह बीमारी Capri Poxvirus नामक वायरस के चलते होती है. इस वायरस का संबंध गोट फॉक्स और शीप पॉक्स वायरस के फैमिली से है. जानकारों की मानें तो मच्छर के काटने और खून चूसने वाले कीड़ों के जरिए यह बीमारी मवेशियों को होती है.
लंपी डिजीज के लक्षण: लंपी स्किन डिजीज (symptoms of lumpi disease) पशुओं में शुरुआती अवस्था में त्वचा पर फोड़े, नाक बहना, आंखों से पानी, तेज बुखार जैसे लक्षण दिखते हैं. इस वायरस की वजह से पशुओं को काफी तेज बुखार आता है. इसके कुछ दिनों बाद पशुओं के शरीर पर चकत्ते नजर आने लगते हैं. ऐसे लक्षण सामने आने पर तुरंत प्रभाव से पशु का उपचार शुरू कर देना चाहिए.