जोगिंद्रनगर/मंडीःजिला मंडी के जोगिंद्रनगर में ऐतिहासिक रेलवे लाइन के आसपास लगातार हो रहे भूस्खलन से नगर परिषद के तीन वार्डों की करीब दो हजार आबादी दहशत में है. लाईन के दोनों और भूस्खलन से बड़े-बड़े पत्थर और मलबा गिरने का सिलसिला जारी है. इस कारण वहां से गुजर रहे लोगों की जान पर जोखिम बना हुआ है.
रेलवे लाइन के साथ लगते रिहायशी मकान भी खतरे की जद में आए हैं. वहीं, पूर्व सैनिक सदन की भूमि पर भी खतरा मंडराया हुआ है. रेलवे फाटक के वार्ड पांच और छह को आवागमन करने वाले रास्ते पर करीब 50 मीटर की जगह भूस्खलन की जद में आई है. बरसात के मौसम में कई बार बड़े-बड़े पत्थर और मलबा रेलवे लाईन पर गिर चुका है. हालांकि किसी भी प्रकार का जानी नुकसान नहीं हुआ है लेकिन पत्थर गिरने को लेकर वार्डवासी खौफजदा है.
उधर, रेलवे लाइन के साथ लगते नाले में भारी भूस्खलन होने से रेलवे लाइन को भी नुकसान पहुंचना शुरू हो चुका है. लगातार हो रही बारिश रेलवे भूमि के लिए खतरा बनी हुई है. गौरतलब है कि जोगिंद्रनगर सरकाघाट मार्ग पर रेलवे फाटक से होकर वार्ड तीन, पांच और छह की ओर जाने वाले इस रास्ते पर साल 1929 के स्थापित रेवले लाईन पर रेलगाड़ियों की भी छंटनी होती हैं.
वहीं, तीनों वार्डों के करीब दो हजार लोग रोजाना अपने-अपने गंतव्य स्थान की ओर आवागमन करते हैं. लोगों का कहना है कि रेलवे लाईन के दोनों और लगातार हो रहे भूस्खलन को लेकर स्थानीय प्रशासन और विभागीय अधिकारी अधिक गंभीर नहीं है.