मंडीःभारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी तकनीक का प्रस्ताव दिया है जिससे पीजोइलेक्ट्रिक सामग्रियों से बिजली उत्पादन बढ़ेगा. इसके लिए शोधकर्ताओं ने पीजोइलेक्ट्रिक सामग्री यांत्रिक ऊर्जा और विद्युत ऊर्जा को इंटरकन्वर्ट करने वाली सामग्री का संख्यात्मक अध्ययन किया है और नई व्यवस्था का प्रस्ताव दिया है जिसमें ये सामग्रियां तनाव (स्ट्रेस) पड़ने पर बिजली उत्पादन बढ़ा देंगी.
उनके शोध परिणाम इंजीनियरिंग रिपोर्ट्स नामक जर्नल में प्रकाशित किए गए हैं. शोधपत्र के सह-लेखक हैं रिसर्च स्काॅलर-उत्तर कोरिया के हयांग विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं और आईआईटी मंडी में स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसरें डॉ. राजीव कुमार और डॉ. राहुल वैश्य हैं.
वाहन का वजन पड़ने पर पैदा की सकती है बिजली
डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि पीजोइलेक्ट्रिक सामग्रियों पर बल पड़ने पर वे बिजली की ऊर्जा पैदा कर सकती हैं इसलिए बहुत उपयोगी हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की सामग्रियां फर्श की टाइल या सड़कों में उपयोग करने पर जब इंसान चलेंगे तो वे सामग्रियां बिजली ऊर्जा उत्पन्न कर सकती हैं. वाहन का वजन पड़ने पर उत्पन्न इस बिजली से सड़क और सिग्नल की रोशनी मिल सकती है. हालांकि इन सामग्रियों से उत्पन्न बिजली की ऊर्जा वर्तमान में बहुत कम है इसलिए इसके वास्तविक उपयोग की अपनी सीमाएं हैं.
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