हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / city

मंडी का ऐतिहासिक विक्टोरिया पुल मरम्मत को तरसा, हालत खस्ता - मंडी जिला न्यूज

विक्टोरिया पुल दिसंबर 2019 में नए पुल के उद्घाटन के बाद वाहनों के भार से मुक्त हो गया है, लेकिन अभी भी इसकी मरम्मत नहीं हो पाई है. भारतीय सांस्कृतिक निधि मंडी चैप्टर के सह संयोजक अनिल शर्मा ने जिला प्रशासन से पुल के रख-रखाव की भी मांग की थी.

Historical Victoria Bridge in bad condition in mandi
ऐतिहासिक विक्टोरिया पुल

By

Published : Jan 12, 2021, 3:21 PM IST

Updated : Jan 16, 2021, 2:13 PM IST

मंडीःहिमाचल का मंडी जिला राजनीतिक, सांस्कृतिक और धार्मिक लिहाज से विशेष महत्व रखता है. इसे छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है, मंडी में रियासत काल के समय में बनी इमारतें और पुल आज भी पुरानी यादों को ताजा कर देते हैं.

सन 1877 में मंडी के तत्कालीन राजा विजय सेन की ओर से बनवाया गया विक्टोरिया पुल दिसंबर 2019 में नए पुल के उद्घाटन के बाद वाहनों के भार से मुक्त हो गया है, लेकिन अभी भी इसकी मरम्मत नहीं हो पाई है.

बदहाली के आंसू बहा रहा विक्टोरिया पुल

143 वर्ष बीत जाने के बाद भी इस पुल पर आज सैकड़ों की संख्या में लोग गुजरते हैं. नए पुल के उद्घाटन के बाद विक्टोरिया पुल अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है, विक्टोरिया पुल पर 67 डेक प्लेट्स लगी है, और अधिकतर प्लेटों से नट गायब हैं. वहीं, कुछ प्लेटों के नट ढीले पड़ गए हैं. इसके अलावा पिलर की दीवारों पर छोटे-छोटे पौधे उगने शुरू हो गए हैं. यहां तक कि पुल पर किया हुआ पेंट भी उखड़ चुका है.

विक्टोरिया पुल का इतिहास

मंडी रियासत के तत्कालीन राजा विजय सेन ने इनाम में जीती गाड़ी को शहर तक पहुंचाने के लिए अंग्रेजी हुकूमत से ब्यास नदी पर पुल का निर्माण करवाया था, अंग्रेजों ने एक लाख की लागत से इंग्लैंड में बने विक्टोरिया पुल की तरह यहां पर भी पुल का निर्माण किया. इसे विक्टोरिया पुल का नाम दिया. वहीं, इस पुल को केसरी के नाम से भी जाना जाता है.

142 वर्षों से भी पुराना है विक्टोरिया पुल

विक्टोरिया पुल ने 142 वर्षों तक लाखों की संख्या में वाहनों का भार ढोया है, 7 दिसंबर 2019 को विक्टोरिया पुल के साथ 25 करोड़ की लागत से बने नए पुल के उद्घाटन के बाद इस पुल को वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर पैदल पथिकों के लिए ही रखा गया.

जिला प्रशासन से पुल के रख-रखाव की मांग

भारतीय सांस्कृतिक निधि मंडी चैप्टर के सह संयोजक अनिल शर्मा का कहना है कि नए पुल के निर्माण के बाद भारतीय संस्कृति चैप्टर की ओर से इस पुल के सम्मान में जनवरी 2020 में भव्य समारोह का आयोजन करवाया गया था. उन्होंने कहा कि उस समय भारतीय सांस्कृतिक निधि मंडी चैप्टर के द्वारा जिला प्रशासन से पुल के रखरखाव की भी मांग की थी, लेकिन पुल का रखरखाव सही ढंग से नहीं हो रहा है.

अनिल शर्मा ने कहा कि पिलर की दीवारों पर छोटे-छोटे पौधे उगे हुए हैं और पुल पर किया हुआ पेंट भी निकल गया है. उनका कहना है कि विक्टोरिया पुल को पर्यटन की दृष्टि से भी संवारा जाना चाहिए, ताकि यहां पर पर्यटकों की आमद बड़े और आने वाली पीढ़ी अभी इस पुल को देख सके.

Last Updated : Jan 16, 2021, 2:13 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details