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Himachal Seat Scan: मंडी सदर सीट पर पंडित सुखराम परिवार का दबदबा, इस साल जानिए क्या हैं चुनावी समीकरण

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Published : Aug 4, 2022, 5:25 PM IST

हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Assembly Elections 2022) से पहले ETV भारत प्रदेश के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों के सूरत-ए-हाल से रू-ब-रू करवा रहा है. हिमाचल सीट स्कैन में आज हम मंडी सदर विधानसभा क्षेत्र (Mandi Sadar Seat Ground Report) की बात करने जा रहे हैं. कुल 68 विधानसभा क्षेत्रों में ये 33वीं विधानसभा सीट है. वैसे तो इस सीट पर दशकों से पंडित सुखराम परिवार का दबदबा रहा है, लेकिन साल 2017 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने के बाद पंडित सुखराम के पुत्र अनिल शर्मा ने ही भाजपा की झोली में यह सीट डाली. चुनाव की दृष्टि से इस साल यह सीट काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि अनिल शर्मा कब किधर करवट बदलेंगे कुछ नहीं कहा जा सकता. आज जानेंगे कि इस सीट पर आखिर चुनावी समीकरण क्या हैं.

Mandi Sadar assembly seat ground report
मंडी सदर विधानसभा क्षेत्र की ग्राउंड रिपोर्ट.

मंडी: सूबे में होने वाले विधानसभा चुनावों (Himachal Assembly Elections 2022) के लिए चंद महीनों का समय रह गया है. ऐसे में सभी राजनीतिक दलों ने चुनावों को लेकर कदमताल शुरू कर दी है. प्रदेश की राजनीति में जिला कांगड़ा जिला के बाद मंडी दूसरा सबसे बड़ा जिला है. यहां 10 विधानसभा क्षेत्र हैं. प्रदेश में इस समय भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मंडी जिले से ही संबंध (Mandi Sadar assembly seat ground report) रखते हैं.

मंडी जिले में इस समय सभी विधायक भारतीय जनता पार्टी के ही हैं. हालांकि राम स्वरूप के निधन के बाद इस साल मंडी संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में ये सीट कांग्रेस की झोली में आ गई, लेकिन इससे पहले इस संसदीय सीट पर भी भाजपा का ही कब्जा था. चुनाव की दृष्टि से मंडी सदर विधानसभा सीट (Mandi Sadar Assembly Constituency) काफी महत्वपूर्ण है. आज हिमाचल सीट स्कैन (Himachal Seat Scan) में हम मंडी सदर विधान सभा क्षेत्र में इस साल क्या चुनावी समीकरण हैं इस पर चर्चा करने जा रहे हैं.

मंडी सदर से विधायक अनिल शर्मा.

मंडी सदर सीट पर पंडित सुखराम परिवार का दबदबा: मंडी सदर विधानसभा सीट (Mandi Sadar assembly seat) पर पंडित सुखराम परिवार का एकछत्र राज रहा है. संचार क्रांति के मसीहा कहे जाने वाले स्वर्गीय पंडित सुखराम ने मंडी सदर से 13 बार चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. उन्होंने सदर से कभी भी हार का मुंह नहीं देखा. वर्ष 2003 में सक्रिय राजनीति से संन्यास लेते हुए पंडित सुखराम ने यह विरासत अपने पुत्र अनिल शर्मा को सौंपी. अनिल शर्मा सदर से मौजूदा विधायक हैं, उन्होंने वर्ष 2017 में कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था. 2017 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी. पंडित सुखराम के पुत्र अनिल शर्मा ने ही भाजपा की झोली में यह सीट डाली. इस बार मंडी विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करना है.

2017 में मंडी सदर सीट पर जीत का अंतर.

छोटी काशी का दर्जा मिलने के बाद भी विकसित नहीं हो पाया मंडी शहरःमंडी को छोटी काशी के नाम से जाना जाता है. यह नाम पूर्व सांसद दिवंगत राम रूप शर्मा की बदौलत मंडी को मिला. छोटी काशी का दर्जा मिलने के बाद भी मंडी में धार्मिक व पर्यटन की विकसित नहीं हो पाया है. मंडी जनपद में 80 के करीब मंदिर हैं. यहां हर बार शिवरात्रि महोत्सव पर अंतरराष्ट्रीय मेला आयोजित किया जाता है.

मंडी सदर विधानसभा क्षेत्र के अहम मुद्दे: मंडी शहर में पार्किंग व बेसहारा पशुओं की समस्या (Mandi Sadar Assembly Constituency Issues) आम है. शहर में जहां पार्किंग की समस्या भी विकराल होती जा रही है, वहीं बेसहारा पशुओं व बंदरों से भी लोग परेशान हैं. शहर में जितनी भी पार्किंग हैं सभी फुल ही रहती है. मंडी शहर के बीचोबीच यू ब्लॉक में पार्किंग व शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण किया जा रहा है. लेकिन स्कूल के साथ बन रहे पार्किंग व शॉपिंग कॉम्पलेक्स का विरोध भी जारी है. वर्किंग फॉर शॉपिंग कॉम्पलेक्स के निर्माण को लेकर सोशल मीडिया पर सदर विधायक पर भी आरोप लगे थे. इसके बाद सदर विधायक अनिल शर्मा (Mandi Sadar BJP MLA Anil Sharma) ने एक वीडियो संदेश जारी किया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि पूर्व में मंत्री रहते हुए उन्होंने यू ब्लॉक में पार्किंग की प्रपोजल तैयार की थी. लेकिन शॉपिंग कंपलेक्स का उसमें कोई जिक्र नहीं था.

मंडी सदर विधानसभा क्षेत्र के अहम मुद्दे.

इस साल चुनाव में सदर में 75,418 मतदाता करेंगे मतदानःमंडी सदर की बात की जाए तो यहां पर 75,418 मतदाता हैं. जिनमें 36,970 पुरुष मतदाता और 38,448 महिला मतदाता हैं. यहां पर प्रदेश के दो प्रमुख दलों कांग्रेस और भाजपा के बीच ही मुकाबला देखने को मिलता है. मंडी की जनता जातिगत और समुदाय के समीकरण में बंटी है. चुनाव में उतरे प्रत्याशी को इसी आधार पर वोट डाले जाते हैं.

मंडी सदर सीट पर मतदाताओं की संख्या.

2017 के विधानसभा चुनाव में सदस्य 7 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे. 2017 के विधानसभा चुनावों में यहां पर 58.12% मतदान रहा था. 2017 में भाजपा प्रत्याशी अनिल शर्मा को 31282 व कांग्रेस प्रत्याशी चंपा ठाकुर को 21025 मत मिले थे. 2017 में भाजपा प्रत्याशी अनिल शर्मा ने 10257 मतों से जीत हासिल की थी. वहीं 2012 के विधानसभा चुनावों में अनिल शर्मा ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था. उन्होंने भाजपा प्रत्याशी दुर्गादत्त को 3930 मतों से हराया था.

अब तक मंडी सदर सीट पर जीत का अंतर.

मंडी सदर में विकास कार्यःमंडी सदर में विकास कार्यों (Development works in Mandi Sadar seat) की बात की जाए तो यहां पर करोड़ों रुपए के विकास कार्य प्रगति पर चले हैं. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के द्वारा शहर के कांगड़ी धार में डेढ़ सौ करोड़ की लागत से शिव धाम वह मंडी शहर के बीचो बीच पार्किंग व शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण किया जा रहा है. वही विधायक प्राथमिकता के आधार पर भी यहां पर विकास कार्य चले हुए हैं. पूर्व कांग्रेस के कार्यकाल में पूर्व मंत्री रहते हुए विधायक अनिल शर्मा ने कटोरिया पुल के साथ नए पुल की जरूरत को महसूस किया और नए पुल के निर्माण को विधायक प्राथमिकता में शामिल किया. यह पुल वर्ष 2019 में 25 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ. जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Himachal CM jairam Thakur) ने किया था. सदर में वेटनरी हॉस्पिटल (Veterinary Hospital in Mandi Sadar) और स्कोडी नाला के चैनेलाइजेशन का काम भी प्रगति पर चला है. वहीं व्यास नदी पर प्रस्तावित 191 मेगा वाट थाना पलौन पन विद्युत प्रोजेक्ट के लिए 1484 करोड़ रुपए मंजूर हो गए हैं.

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सदर से टिकट के चाहवानों की फौजः प्रदेश में इस में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और मंडी जिला को प्रदेश का नेतृत्व करने का मौका मिला है.मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मंडी जिला से संबंध रखते हैं. आने वाले विधानसभा चुनावों में मंडी सदर सीट से टिकट के चाहवानों की एक फौज खड़ी है. सदर विधायक अनिल शर्मा इस समय भाजपा के विधायक है. आने वाले चुनाव अनिल शर्मा किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे विधायक ने यह निर्णय सदर की जनता पर छोड़ा है.

मंडी सदर सीट पर चुनावी जंग.

कांग्रेस पार्टी से सदर से टिकट की दौड़ में पूर्व प्रत्याशी चंपा ठाकुर व अमित पाल सिंह टिकट की दौड़ में हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी में टिकट के जवानों की एक लंबी फौज है. जिसमें पूर्व विधायक दुर्गादत्त, पार्षद सुमन ठाकुर, भाजपा मंडल अध्यक्ष मनीष कपूर, भुवनेश ठाकुर, नरेंद्र गुलेरिया, दीपक गुलेरिया, हेमराज पठानिया, श्याम लाल व पायल वैद्य का नाम चर्चा में है.

मंडी सदर सीट पर टिकट के कई चाहवान.

कांग्रेस का बीजेपी विधायक अनिल शर्मा पर आरोप: मंडी सदर में विकास कार्यों को लेकर कांग्रेस पार्टी ने भाजपा विधायक अनिल शर्मा (Congress on BJP MLA Anil Sharma) पर कई आरोप जड़े हैं. सदर विधानसभा से कांग्रेस की पूर्व प्रत्याशी रही चंपा ठाकुर का कहना है कि विधायक अनिल शर्मा सदर में विकास कार्य करवाने में असफल रहे हैं. पिछले 4 सालों से सदर विधायक जनता के बीच में नहीं दिख रहे हैं. उन्होंने कहा कि न तो सदर विधायक पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के हो पाए और न ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के हो पाए. विधायक अनिल शर्मा का अपनी विकास निधि का पैसा तक नहीं खर्च पाए और विकास कार्यों के लिए प्रदेश सरकार को कोसते रहे. चंपा ठाकुर ने कहा कि सदर विधायक अनिल शर्मा अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए अब दूसरों के सिर पर ठीकरा फोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. विधायक पहले विकास कार्य न होने पर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को कोसते थे. वहीं, अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह कोसने में लगे हैं.

विधायक अनिल शर्मा की दलील: सदर विधायक अनिल शर्मा (BJP MLA Anil Sharma on Congress) से बात की गई तो उन्होंने भी विकास कार्यों को लेकर प्रदेश सरकार से नाराजगी जाहिर की. अनिल शर्मा ने कहा कि किसी हलके में विकास कार्य भी तभी संभव हो सकते हैं जब मौजूदा सरकार साथ दे. अनिल शर्मा ने कहा कि पिछले सरकार के कार्यकाल में विधायक प्राथमिकता के तौर पर उन्होंने जो शुरू किए वे अधिकतर पूरे हो गए हैं. ब्यास नदी पर प्रस्तावित 191 मेगा वाट थाना पलौन पन विद्युत प्रोजेक्ट के लिए 1484 करोड़ रुपए मंजूर हो गए हैं. विधायक अनिल शर्मा ने कहा कि पिछले कई सालों से सदर का नेतृत्व कर रहे हैं. आज यदि कांग्रेस पार्टी सदर में विकास कार्यों को लेकर उन पर सवाल खड़े कर रही है तो भी इस बारे में फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं कर चाहते हैं. यदि कांग्रेस को लगता है कि सदर में विकास नहीं हो रहा है तो वह इस पर सरकार के खिलाफ विरोध करने से क्यों गुरेज कर रहे हैं.

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