सुंदरनगरः कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग लगातर प्रयास कर रहा है, लेकिन इसी बीच कई खामियां भी नजर आ रही हैं. प्रदेश में भी एक ऐसा ही खामी भरा मामला देखने को मिला है. जिला मंडी में स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है.
जानकारी के अनुसार सुंदरनगर की ग्राम पंचायत मलोह के चार कोरोना संक्रमित मरीजों का ईलाज कोविड केयर सेंटर ढांकसीधार और डेडिकेटेड कोविड अस्पताल नेरचौक में चल रहा था. इनमें से तीन मरीजों को कोरोना से जंग जीतने के बाद पिछले सप्ताह ही घर वापस भेज दिया गया था.
वहीं एक मरीज अभी भी ढांकसीधार में उपचाराधीन था, लेकिन इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही इस कदर सामने आई है कि मरीज को अपने घर पहुंचने के बाद खेतों में भूखे प्यासे बैठकर कर अपनी कोविड रिपोर्ट कन्फर्म होने तक करीब 6 घंटे इंतजार करना पड़ा.
मामले में दो दिन पहले कोरोना वायरस के लिए उसके सैंपल लिए गए थे. रिपोर्ट आने पर उसे कहा गया कि आपकी रिपोर्ट नेगेटिव है. इसके बाद मरीज को मंडी स्थित ढांकसीधार कोविड केयर सेंटर से एंबुलेंस के माध्यम से उसके गांव मलोह पहुंचाया गया, लेकिन जैसे ही एंबुलेंस से मरीज उतर कर अपने घर के लिए पैदल रवाना हुआ.
इसी दौरान उसे ढांकसीधार से कॉल आया और उनकी रिपोर्ट में कोई गड़बड़ी की सूचना है. इस पर उन्हें घर जाने से भी मना कर दिया गया और रिपोर्ट का इंतजार करने के निर्देश दिए गए. इससे मरीज घबरा गया और पूरा दिन युवक रिपोर्ट के इंतजार में घर के बाहर खेत में ही बैठा रहा. इस कारण मरीज के परिवार वाले भी परेशान होते रहे.