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भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच का गठन, आंदोलन की दी चेतावनी - भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच का गठन

बीआर कौंडल ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2013 में नया भूमि अधिग्रहण कानून बनाया था, जिसे प्रदेश में आज दिन तक लागू नहीं किया जा सका है. इस कानून में पुनर्स्थापना, पुनर्वास और चार गुणा मुआवजे का प्रावधान है. प्रदेश में आज दिन तक न तो किसी की पुनर्स्थापना हुई और न ही पुनर्वास हुआ.

भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच का गठन
भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच का गठन

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Published : Aug 5, 2021, 8:32 PM IST

मंडी:प्रदेश भर के प्रभावितों ने मंडी में एकजुट होकर 'भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच' का गठन करके आंदोलन का ऐलान कर दिया है. मंडी जिला निवासी बीआर कौंडल को मंच का अध्यक्ष चुना गया है.

बीआर कौंडल ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2013 में नया भूमि अधिग्रहण कानून बनाया था, जिसे प्रदेश में आज दिन तक लागू नहीं किया जा सका है. इस कानून में पुनर्स्थापना, पुनर्वास और चार गुणा मुआवजे का प्रावधान है. प्रदेश में आज दिन तक न तो किसी की पुनर्स्थापना हुई और न ही पुनर्वास हुआ. चार गुणा के स्थान पर सिर्फ दोगुना मुआवजा ही दिया जा रहा है.

राज्य की भाजपा सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में चार गुणा मुआवजा देने की बात कही थी, जो कि आज दिन तक पूरी नहीं हो सकी है. प्रदेश में लोगों की कीमती जमीनें कौड़ियों के भाव ली जा रही है. सरकार की इस मंशा को अब पूरा नहीं होने दिया जाएगा.

नवगठित मंच में जोगिन्दर वालिया को संयोजक, नरेश ठाकुर, मदन शर्मा, राजेश पठानिया व परमानन्द शर्मा को सह संयोजक चुना गया है. इस बैठक में कुल्लू से नरेश ठाकुर, शिमला से डॉ. कुलदीप तंवर, बिलासपुर से मदन शर्मा और कांगड़ा से राजेश पठानिया सहित प्रदेश भर से आए 60 से अधिक प्रभावितों ने भाग लिया.

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