मंडीः जिला के करसोग उपमंडल के हजारों किसानों को उत्पाती बंदरों से राहत मिल सकती है. केंद्र सरकार ने बंदरों को वर्मिन घोषित कर दिया है. अब निजी भूमि में बंदर आते हैं तो किसान उन्हें शेड्यूल 5 वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत मार सकते हैं. केंद्र सरकार ने इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी है.
इसके मुताबिक प्रदेश की 91 तहसीलों में बंदरों को वर्मिन घोषित किया गया है. इसमें जिला मंडी की 10 तहसीलों को भी लिया गया है, जिसमें करसोग भी शामिल है, ऐसे में बंदरों के उत्पात से परेशान हजारों किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. बता दें कि किसान केवल अपनी निजी भूमि पर ही नुकसान करने पर बंदरों को मार सकेंगे, वन क्षेत्र में बंदरों को मारने की अनुमति नहीं होगी. बंदरों को मारने की अनुमति को मारने के आदेश एक साल तक लागू रहेंगे.
प्रदेश सहित करसोग में बंदर खेती को भारी नुकसान पहुंचा रहे थे, यहीं नहीं हिंसक हो चुके बंदरों ने लोगों पर भी हमले करने शुरू कर दिए थे. प्रदेश में बंदरों के काटने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इस समस्या को देखते हुए प्रदेश सरकार ने एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को भेजी थी, जिसमें लोगों को बंदरों की समस्या से निजात दिलाने की मांग की गई थी. जिस पर केंद्र सरकार ने बंदरों को वर्मिन घोषित कर किसानों को बड़ी राहत प्रदान की है.
किसान छोड़ रहे हैं खेती