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VIJAY DIWAS 2021: सुंदरनगर में विजय दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन, शहीदों के योगदान को किया याद

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Published : Dec 16, 2021, 2:21 PM IST

VIJAY DIWAS 2021: भारत में हर वर्ष 16 दिसंबर विजय दिवस के रूप में मनाया जाता हैं और इस वर्ष भारत विजय दिवस की 50वीं वर्षगांठ मना रहा हैं. विजय दिवस पर सुंदरनगर (Vijay Diwas Celebrated in Mahadev SundarNagar) के महादेव में भूतपूर्व सैनिक लीग की ओर से कार्यक्रम का आयोजन कर (Ex servicemen celebrated Vijay Diwas in sundernagar) शहीदों को याद किया.

Vijay Diwas Celebrated in Mahadev SundarNagar
महादेव सुंदरनगर में मनाया गया विजय दिवस

मंडी: VIJAY DIWAS 2021: विजय दिवस की 50वीं वर्षगांठ (Swarnim Vijay Diwas) पर उपमंडल महादेव (Vijay Diwas Celebrated in SundarNagar) में भूतपूर्व सैनिक लीग सुंदरनगर इकाई की ओर से सूबेदार मेजर बेलीराम ठाकुर की अध्यक्षता में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर सीएसडी कैंटीन मंडी के प्रबंधक खेम सिंह ठाकुर ने बतौर मुख्य अतिथि (Ex servicemen celebrated Vijay Diwas in sundernagar ) शिरकत की.

इस अवसर पर उपस्थित भूतपूर्व सैनिकों ने भारतीय सेना के पूर्व सीडीएस बिपिन रावत और उनके साथ हेलीकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हुए सभी जवानों को श्रद्धांजलि (Ex-Servicemen League tribute to bipin rawat) अर्पित की गई. उन्होंने कहा कि वायुसेना का हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होना किसी त्रासदी से कम नहीं है. देश ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सीडीएस बिपिन रावत सहित अन्य जवानों को खोया है, जिसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती.

कमांडेंट खेम सिंह ठाकुर (Commandant Khem Singh on vijay diwas) ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय सेना ने आज ही के दिन 1971 में पाकिस्तान के ऊपर विजय प्राप्त किया था. 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध (50 years of Indo Pakistan war) का मुख्य कारण बांग्लादेश को आजाद कराना था. इस जंग में भारतीय सेना भी शामिल हुई थी. 13 दिन चली इस लड़ाई में पाक सेना को मुंह की खानी पड़ी. 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी जनरल एएके नियाजी ने अपने 90 हजार सैनिकों के साथ भारत और मुक्ति वाहिनी के सामने ढाका में आत्मसमर्पण कर दिया. इसके साथ ही बांग्लादेश पाकिस्तान से अलग हो गया था.

उन्होंने देश की रक्षा के लिए शहादत देने वाले सभी सैनिकों को कृतज्ञता से याद किया और मौजूद भूतपूर्व सैनिकों से भी आह्वान किया कि वह देश की रक्षा के लिए सदा ही तैयार रहें. भले ही वह अब सेवा में नहीं हैं, लेकिन अपने आसपास के क्षेत्रों में भी लोगों में देशभक्ति का अलख जगाकर उनमें देश प्रेम की भावना पैदा करें.

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