सुंदरनगर: शनिवार को उपमंडल बल्ह में निजी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों द्वारा एक बैठक का (Parents meeting in Sundernagar) आयोजन किया गया. अभिभावकों ने बैठक में भाग लेते हुए गुहार लगाई कि अब तो स्कूल खोल दो सरकार ताकि बच्चों के भविष्य से न हो खिलवाड़. उन्होंने सरकार से बच्चों के भविष्य को मद्देनजर रखते हुए उनके स्कूल तुरंत प्रभाव से खोल देने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि अब तो शिक्षा विभाग द्वारा डेट शीट भी जारी कर दी गई है, कब बच्चे पढ़ेंगे और कब रिवीजन होगा. यह चिंता बच्चों व अभिभावकों को सताए जा रही है.
अभिभावकों का कहना है कि वर्ष 2020 से कोरोना महामारी के कारण स्कूलों का बंद करना बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है. उन्होंने सरकार से प्रश्न पूछा है कि जहां एक ओर राजनितिक रैलियां, मेले, विवाह व अन्य समारोह आयोजित किए जा रहे हैं, लेकिन देश के भविष्य कहलाने वाले बच्चों की शिक्षा दीक्षा पर ही रोक टोक क्यों लगाई गई है. उन्होंने सरकार व शिक्षा विभाग से मांग की है कि प्राइमरी से जमा दो तक के बच्चों के (Demand to open school in HP) स्कूलों को तुरंत प्रभाव से खोल दिया जाए.
उन्होंने कहा कि लंबे समय से बंद चल रहे स्कूलों को खोलना इसलिए (Parents meeting in Sundernagar) जरूरी है, क्योंकि ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों को सामाजिक और भावनात्मक ज्ञान मिलना बंद हो गया है. क्योंकि बच्चे स्कूल जाकर दूसरे बच्चों से भी बहुत कुछ सीखते हैं. स्कूल में दूसरे बच्चों और शिक्षकों के साथ संवाद का मौका मिलता है, उसमें कुछ बातें बच्चों को अच्छी लगती हैं और कुछ बातें बुरी भी लगती हैं. अच्छी बात पर कैसे रिएक्ट करना है और बुरी बात पर अपनी भावनाएं कैसे व्यक्त करनी है, ये बच्चे स्कूल में ही सीख पाते हैं. लेकिन, ऑनलाइन क्लास में ऐसी सुविधा बच्चों को नहीं मिल पाई है, इसलिए 90 प्रतिशत से ज्यादा बच्चों को पिछले दो साल से सामाजिक और भावनात्मक शिक्षा से वंचित रहना पड़ा है.
स्कूलों के शिक्षक भी जूझ रहे:शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े कुछ एक अभिभावकों ने बैठक के दौरान अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि स्कूलों के शिक्षक भी इसी संकट से जूझ रहे हैं, क्योंकि बच्चे जब पढ़ने के लिए स्कूल आते थे तब हर बच्चे के साथ शिक्षकों का भावनात्मक संबंध जुड़ जाता था. वो बच्चों का चेहरा देखकर समझ जाते थे कि किस बच्चे को पाठ समझ में आया और किसे समझ में नहीं. वहीं, किस बच्चे ने होमवर्क किया है या नहीं उसका क्या कारण है. ऐसी तमाम बातों पर शिक्षकों का ध्यान रहता था, लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई में ये भी संभव नहीं हो पा रहा है.