मंडी/कुल्लू/हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में सरकार द्वारा यदि जल्द सवर्ण आयोग का गठन नहीं किया जाता है तो आने वाले समय में हर जिलों में धरना प्रदर्शन किए जाएंगे. यह बात मंगलवार को सामान्य वर्ग संयुक्त मंच के प्रदेशाध्यक्ष के. एस जम्वाल ने मंडी में आयोजित धरना प्रदर्शन के उपरांत कही.
इससे पूर्व सामान्य वर्ग संयुक्त मंच के द्वारा शहर में रैली निकाली गई और उपायुक्त के माध्यम से प्रदेश सरकार को एक ज्ञापन प्रेषित किया गया. सामान्य वर्ग संयुक्त मंच का कहना है कि सवर्ण आयोग के गठन को लेकर वे कईं बार मुख्यमंत्री से वार्तालाप कर मांग कर चुके है लेकिन फिर भी सवर्ण आयोग के गठन में विलंब किया जा रहा है.
के. एस जमवाल ने कहा कि जल्द ही मुख्यमंत्री उनकी मांगों को पूरा नहीं करते हैं तो सामान्य वर्ग संयुक्त मंच आने वाले लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनावों का विरोध करेगा. उन्होंने कहा कि शिमला ग्रामीण क्षेत्र के विधायक विक्रमादित्य ने राजनीति पार्टी से ऊपर उठकर सवर्ण आयोग के गठन का समर्थन किया है जिसके लिए सामान्य वर्ग संयुक्त मंच उनका आभार व्यक्त करता है.
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जो राजनीतिक दल सामान्य वर्ग संयुक्त मंच की मांग का समर्थन करेगा संयुक्त मंच उसी दल का समर्थन करेगा. उन्होंने कहा कि संयुक्त मंच मुख्यमंत्री से मांग करता है कि हिमाचल में मध्यप्रदेश और गुजरात सरकार की तर्ज पर सवर्ण आयोग का शीघ्र गठन किया जाए और आरक्षण को आर्थिक आधार पर किया जाए.
सामान्य वर्ग संयुक्त मंच का कहना है कि सामान्य वर्ग के 7% बीपीएल के कोटे को एससी एसटी की तर्ज पर यथावत बहाल किया जाए व sc-st एट्रोसिटी एक्ट को समाप्त कर, इस पर अंधाधुंध धन आवंटन पर रोक लगाई जाए. वहीं अनुसूचित जाति के साथ अंतर जाति विवाह पर ढाई लाख रुपए की भारी-भरकम राशि को बंद किया जाए और बहारी राज्यों के लोगों को सामान्य वर्ग के कोटे में सरकारी नौकरियों में सेंध लगाने से रोकने के लिए एससी एसटी की तर्ज पर हिमाचली बोनाफाइड होने की शर्त लगाई जाए.
संयुक्त मंच का कहना है कि सरकार जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन किया जाएगा. वहीं, सवर्ण आयोग का गठन न होने को लेकर मंगलवार को सवर्ण समाज के लोग कुल्लू में भी सड़कों पर उतर गए. डीसी कुल्लू के माध्यम से एक बार फिर को सरकार को एक ज्ञापन भेजा गया है, ताकि सरकार के द्वारा दिए गए आश्वासन को वह जल्द पूरा कर सके.
जिला कुल्लू के मुख्यालय रामशिला से लेकर ढालपुर तक सामान्य वर्ग संयुक्त मंच के द्वारा एक रैली का भी आयोजन किया गया. जिसमें सवर्ण आयोग के गठन को लेकर जोरदार नारेबाजी भी की गई. वही डीसी कुल्लू के कार्यालय के बाहर भी सवर्ण समाज के लोगों ने धरना दिया.
इस दौरान डीसी कुल्लू को भी एक ज्ञापन सौंपा गया. जिसमें मांग रखी गई कि सरकार के द्वारा जो सवर्ण आयोग के गठन का आश्वासन क्षत्रिय महासभा को दिया गया था उसे जल्द से जल्द पूरा किया जाए. हिमाचल प्रदेश क्षत्रिय महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जितेंद्र राजपूत का कहना है कि अप्रैल माह में भी सवर्ण आयोग के गठन को लेकर शिमला में भूख हड़ताल की गई थी.
उस समय भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर के द्वारा आश्वासन दिया गया था कि 90 दिनों के भीतर सवर्ण आयोग का गठन किया जाएगा, लेकिन आज 120 दिन से भी अधिक का समय हो चुका है और इस दिशा में सरकार के द्वारा कोई भी प्रयास नहीं किया गया है. जिसके चलते सवर्ण समाज के लोगों में सरकार के प्रति रोष है. जितेंद्र राजपूत का कहना है कि सरकार अपने वादे को जल्द से जल्द पूरा करें और सवर्ण समाज के लोगों की समस्याओं को देखते हुए हिमाचल प्रदेश में जल्द से जल्द सवर्ण आयोग का गठन किया जाना चाहिए.
वहीं, सामान्य वर्ग संयुक्त मंच ने उपायुक्त हमीरपुर के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को सवर्ण आयोग का गठन करने को लेकर एक ज्ञापन सौंपा है. संयुक्त मंच के पदाधिकारियों ने बताया कि जैसे कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जयमराम ठाकुर ने 20 अप्रैल को आश्वासन दिया था कि 90 दिनों के अंदर-अंदर हिमाचल प्रदेश में स्वर्ण आयोग का गठन कर दिया जाएगा. उसके बाद भी जब हम 90 दिन के बाद भी मुख्यमंत्री से स्वर्ण आयोग का गठन करने को लेकर मिले, तो उन्हें कोरे आश्वासन मिले.
ऐसे में स्वर्ण आयोग समाज टाल-मटोल की नीति हरगिश बदर्शत नहीं करेगा. हम सरकार को खुली चुनौती दे रहे हैं कि यदि स्वर्ण आयोग का गठन नहीं तो हमारे स्वर्ण समाज का वोट भी नहीं. स्वर्ण समाज बाध्य होकर हर विधानसभा क्षेत्र में अपने उम्मीदवार उतारेगा, चाहे जीतें या हारें हम सरकार की हार की वजह बनेंगे. हमारे पास दो ही विकल्प हैं या तो नोटा का प्रयोग करें, या फिर हर विधानसभा में स्वर्ण समाज का एक उम्मीदवार चुनाव में उतारें.
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