मंडी: उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी ने जिला स्तरीय सतर्कता एवं प्रबोधन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) के तहत लम्बित मामलों (SC-ST Atrocities Prevention Act in Mandi) को जल्द निपटाने के आदेश दिए हैं. बैठक में मंडी में अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम), 1989 के तहत विभिन्न मामलों में उठाए गए कदमों पर चर्चा की गई. जिले में उक्त अधिनियम के तहत वित्त वर्ष 2021-22 में पीड़ितों को राहत प्रदान करने के लिए अब तक 42 पीड़ितों को 26 लाख 70 हजार रुपए की राहत राशि जारी कर दी गई है.
वहीं, वित्त वर्ष 2020-21 में अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम), 1989 के अन्तर्गत तहसील स्तर पर जागरूकता शिविरों के आयोजनों पर 1.10 लाख रुपए खर्चे किए गए. उपायुक्त ने जिले में अल्पसंख्यक वर्ग के कल्याण के लिए लागू 15 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की भी समीक्षा की.
उपायुक्त ने बताया कि जिला प्रशासन अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का पूरा ध्यान रखने को प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि जिले में 25 प्रतिशत से अधिक अल्पसंख्यक जनसंख्या वाले क्षेत्रों (Minority Population Areas in Himachal) में 28 आंगनबाड़ी केंद्रों (Anganwadi Centre in Mandi) में अल्पसंख्यक समुदाय के 6 वर्ष से कम उम्र के 350 बच्चे पंजीकृत हैं, जिन्हें पोषाहार प्रदान किया जा रहा है. हिमाचल में आंगनबाड़ी केंद्रों (Anganwadi Centre in himachal) के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदाय की 50 गर्भवती, धात्री माताओं को पोषाहार व अन्य लाभ दिए जा रहे हैं. बैठक के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण के लिए मेधावी छात्रवृत्ति, तकनीकी शिक्षा के माध्यम से कौशल विकास भत्ता जैसी योजनाओं की भी समीक्षा की गई.