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धर्म ‌त्रिवेणी रिवालसर में छेश्‍चू मेले के दूसरे दिन धूम, बौद्धों ने पारंपरिक वेशभूषा में किया छम्म नृत्य - बौद्ध समुदाय

‌त्रिवेणी धर्म स्थली रिवालसर में गुरुवार को मेले के दूसरे दिन प्राचीन बौद्ध मठ निगंपा के प्रांगण में बौद्घ श्रद्धालुओं ने छम्म नृत्य किया. जिसका लुत्फ उठाने के लिए दूर-दूर से बौद्ध समुदाय के लोग रिवालसर पहुंचे.

छेश्‍चू मेला

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Published : Feb 14, 2019, 11:10 PM IST

मंडीः ‌त्रिवेणी धर्म स्थली रिवालसर में गुरुवार को मेले के दूसरे दिन प्राचीन बौद्ध मठ निगंपा के प्रांगण में बौद्घ श्रद्धालुओं ने छम्म नृत्य किया. जिसका लुत्फ उठाने के लिए दूर-दूर से बौद्ध समुदाय के लोग रिवालसर पहुंचे. राज्य स्तरीय छेश्‍चू मेले का शुभारंभ बुधवार को हुआ.

मेले के पहले दिन बुधवार को विधायक इंद्र सिंह गांधी ने द्वीप प्रज्जवलित कर मेले का शुभारंभ किया. इससे पूर्व विधायक ने प्राचीन बौद्ध मठ गुरु पदम संभव निगंपा में पूजा-अर्चना की और समुदाय के लोगों को बधाई दी. इस मौके पर इससे पूर्व विधायक ने विद्युत उपमंडल भवन का शिलान्यास किया.

छम्म नृत्य.

मुख्यातिथि ने इस मौके पर कहा कि मेले हमारी संस्कृति की अमूल्य धरोहर हैं और इन्हें संजोय रखना हमारा कर्त्तव्य है. तीन धर्मों की तपोभूमि पर महान व्यक्तियों ने तप कर इस भूमि को पावन किया है. प्रदेश, देश सहित पूरे विश्व के श्रद्धालुओं के लिए यह आस्था स्थल बन गया है.

इस पावन भूमि पर बौद्धगुरु पदमसंभव, सिक्ख गुरु गोबिंद सिंह व सनातन धर्म के लोमस ऋषि ने सातवीं सदी में तपस्या की थी. इस दौरान विधायक ने ऐतिहासिक पवित्र झील के जीर्णोद्धार के लिए एक करोड़ रुपये स्वीकृत करवाने की भी घोषणा की. बता दें कि बौद्ध समुदाय में छम्‍म नृत्‍य का विशेष महत्‍व है.

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