करसोग: उपमंडल करसोग में किसान फसलों के उचित दाम न मिलना और दूध कम रेट पर बिकना जैसी मुख्य समस्याओं से जूझ रहे हैं. इसके अतिरिक्त तीन महीने से बारिश न होने से फसलें सूख कर बर्बाद हो गई हैं. किसानों को बीज खरीदने पर हुआ खर्च भी प्राप्त नहीं हुआ है. यही नहीं लंबे सूखे की वजह से स्टोन फ्रूट समेत सेब की फसल भी सूखे की चपेट में आ गई है. जिससे किसानों और बागवानों की मुश्किलें बढ़ गई है. ऐसे में करसोग में आयोजित होने वाले किसान सभा के खंड स्तरीय सम्मेलन में इन सभी तरह की समस्याओं पर चर्चा होगी.
किसानों को मंडियों में फसलों का उचित मूल्य मिले, इसके लिए फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिए जाने को लेकर प्रस्ताव पारित किया जाएगा. करसोग में किसानों से दूध पानी की बोतल से भी सस्ता खरीदा जा रहा है. कम मूल्य दिए जाने का विरोध करने पर किसानों को दूध बंद करने की धमकी दी जाती है. ऐसे में किसानों को एकजुट होकर लड़ाई लड़ने के लिए जागरूक करने के साथ दूध के रेट में बढ़ोतरी को लेकर भी प्रस्ताव पारित किया जाएगा. करसोग में सूखे से बर्बाद हुई फसलों को लेकर भी चर्चा होगी. इस दौरान प्रदेश को सूखा ग्रस्त घोषित किए जाने को लेकर प्रताव पारित कर सरकार को भेजा जाएगा. ताकि किसानों को फसलों को हुए नुकसान का उचित मुआवजा मिल सके.