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पर्यटन स्थल तत्तापानी में जिला स्तरीय मकर संक्रान्ति मेले को लेकर प्रशासन सुस्त, भड़की जनता

जिला मंडी के उपमंडल करसोग में स्थित तत्तापानी में 14 जनवरी को आयोजित होने जा रहे जिला स्तरीय मकर संक्रान्ति मेले को मुश्किल से अब 10 दिन ही शेष बचे हैं, लेकिन प्रशासन की तैयारियां अभी भी पूरी नहीं हुई हैं. जिससे प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल की जनता भड़क गई है.

arrangement not completed for Makar Sankranti fair in Tattapani
सततुज नदी

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Published : Jan 3, 2020, 11:41 PM IST

मंडी: जिला मंडी के उपमंडल करसोग में स्थित तत्तापानी में 14 जनवरी को आयोजित होने जा रहे जिला स्तरीय मकर संक्रान्ति मेले को मुश्किल से अब 10 दिन ही शेष बचे हैं, लेकिन प्रशासन की तैयारियां अभी भी पूरी नहीं हुई हैं. जिससे स्थानीय जनता भड़क गई है.

पर्यटन स्थल तत्तापानी

तत्तापानी विकास सहयोग समिति का कहना है कि मेले को देखते हुए यहां हजारों की संख्या में आने वाले लोगों की सुविधा के लिए विभिन्न विभागों ने तत्तापानी में जो विकास कार्य शुरू किए हैं वो पूरे नहीं हुए हैं. लोहड़ी और मकर संक्रान्ति को सतलुज नदी में पवित्र स्नान के लिए प्रदेश के कोने-कोने से श्रद्धालु पहुंचते हैं, लेकिन स्नानागार और सतलुज झील के साथ घाट निर्माण की जो घोषणा की गई थी, वो जमीनी स्तर पर नजर नहीं आ रही है. ऐसे में लोगों की आस्था से खिलवाड़ हो रहा है.

पर्यटन स्थल तत्तापानी

इसके अलावा तत्तापानी बस स्टैंड में बनाए गए सार्वजनिक शौचालय में अभी तक बिजली ,पानी की व्यवस्था नहीं की गई है. जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसी तरह से मेला स्थल के आसपास भी लोगों की सुविधा के लिए निर्माणाधीन कार्य भी अभी अधूरे हैं.

सतलुज में स्नान करते लोग

तत्तापानी विकास सहयोग समिति के महासचिव भगत राम व्यास ने बताया कि लोहड़ी और मकर संक्रान्ति मेला 14 जनवरी को आयोजित किया जा रहा है, लेकिन अभी तक कोई भी कार्य संपन्न नहीं हुए हैं. उन्होंने बताया कि प्रशासन को अगर इन कार्यों को पूरा करने के लिए सहयोग की जरूरत है तो समिति इसके लिए तैयार है.

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एसडीएम करसोग सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि14 जनवरी को जिला स्तरीय मकर सक्रांति उत्सव मनाया जा रहा है. ऐसे में यहां आने वाले सैलानियों के लिए स्नानागार का विशेष प्रबंध किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यहां गर्म पानी के प्राकृतिक चश्में थे, इसलिए आज भी लोगों में इस तीर्थ स्थल के प्रति बड़ी आस्था है. जिसके चलते महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग स्नानागार की व्यवस्था की जा रही है. ट

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