मंडी:अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नारी शक्ति पुरस्कार 2021 से सम्मानित होने के उपरांत हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला की बेटी अंशुल मल्होत्रा जब अपने घर पहुंची तो उन्होंने हैंडलूम के क्षेत्र में जुड़े सभी हिमाचल वासियों को अवॉर्ड का श्रेय दिया. अंशुल मल्होत्रा ने कहा कि यह पुरस्कार (Anshul Malhotra got Nari Shakti Award) मेरा नहीं, बल्कि पूरे हिमाचल वासियों व मंडी वासियों का है और उन सभी महिलाओं का है जो हैंडलूम के क्षेत्र में किसी ना किसी तरह से जुड़े हुए हैं.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला की बेटी टेक्सटाइल इंजीनियर अंशुल मल्होत्रा को हैंडलूम के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने व सैंकड़ों महिलाओं को निशुल्क हैंडलूम की ट्रेनिंग देने पर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नारी शक्ति पुरस्कार देकर सम्मानित किया है. अंशुल मल्होत्रा ने हिमाचल की संस्कृति को अपने देश सहित 7 अन्य देशों में पहुंचाया है. अंशुल मल्होत्रा अपने पिता से प्रेरित होकर वर्ष 2005 से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हैं और कई महिलाओं-पुरुषों व बच्चों को निशुल्क हैंडलूम की ट्रेनिंग दे चुकी हैं. अंशुल मल्होत्रा के पिता वर्ष 1996 से मंडी में हैंडलूम का कार्य कर रहे हैं. अंशुल मल्होत्रा हैंडलूम के इस क्षेत्र में डिजाइनिंग का काम कर रही हैं जिसके लिए उन्होंने टेक्सटाइल इंजीनियरिंग भी की है.
अंशुल मल्होत्रा ने अपने पिता की बताई गई बात को साझा करते हुए कहा कि जब उन्होंने हैंडलूम और पावर लूम के बारे में पूछा तो पिता ने हैंडलूम को बढ़ावा देने की बात कही. उन्होंने कहा कि पावर लूम से वे केवल स्वंय के लिए कमा सकते हैं लेकिन हैंडलूम से वे कई लोगों को रोजगार दे सकते हैं. अंशुल मल्होत्रा ने बताया कि उन्होंने मंडी में हैंडलूम के दो उद्योग लगाए हैं. जिसमें विभिन्न महिलाओं द्वारा पहाड़ी पट्टू, शॉल, स्टॉल, ट्वीड, टोपी, जुराबे, किनौरी शॉल, अंगूरा शॉल सहित पहाड़ी भेड़, मैरिनो वूल का सामान तैयार किया जा रहा है. इन उद्योगों में हैंडलूम के लिए धागा भी खुद ही तैयार किया जाता है.