करसोग:देवभूमि हिमाचल के तहत जिला मंडी के करसोग में गरीबों को आवास सुविधा देने के दावों की पोल खुल गई है. एक तरफ देश भर में स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ (Azadi Ka Amrit Mahotsav) पर हर घर में तिरंगा फहराकर आजादी का जश्न मनाया गया. वहीं, इस बीच कड़वा सच ये भी है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले में एक बुजुर्ग और उसका दिव्यांग बेटा रेन हार्वेस्टिंग टैंक में जीवन काटने को मजबूर है, जबकि 7 सालों से मकान की उम्मीद लगाए बैठी बुजुर्ग की पत्नी का चार दिन पहले ही देहांत हो गया.
घर न होने के कारण शव को (family living in rain harvesting tank) जलाने से पूर्व तिरपाल के नीचे ही सभी रस्में पूरी की गई, लेकिन हैरानी की बात है कि गरीब को वेदना में देख कर भी सरकारी तंत्र की संवेदना नहीं जगी है. ये पीड़ा करसोग की ग्राम पंचायत बगैला के बरशोल गांव के 72 वर्षीय दत्तराम की है. जो मकान न होने से मनरेगा के तहत बने रेन हार्वेस्टिंग टैंक में दिव्यांग बेटे का साथ रह रहा है. इस परिवार के पास एक रसोई है. जो काफी जर्जर हालत में है. जिसमें बरसात में छत से पानी टपक रहा है.