मंडी:हिमाचल प्रदेश में बरसात के सीजन में हर साल लोक निर्माण विभाग को करोड़ों रुपए का नुकसान होता है. जुलाई और अगस्त के महीने में भारी बारिश के चलते हर वर्ष भूस्खलन की घटनाएं भी लगातार देखने को मिलती हैं.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला की बात की जाए तो बरसात के सीजन के बाद सड़कें जगह-जगह से टूट गई है, इस बार बरसात में नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे के साथ-साथ संपर्क मार्गों में जगह-जगह गड्ढे नजर आ रहे हैं.
इस बार पिछले साल की अपेक्षा बारिश में कमी देखी गई है परंतु जिला में बारिश ने जमकर कहर बरपाया है, इसमें कई नेशनल हाईवे स्टेट हाईवे और संपर्क मार्गों को काफी नुकसान पहुंचा है. कई जगह से तो सड़क भी धंस गई है.
ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने की जरूरत
शहर के रहने वाले सुरेश कुमार कहते हैं कि बरसात के दिनों में सड़कों के उखड़ने का एक मुख्य कारण सड़क के दोनों किनारे बना खराब ड्रेनेज भी है. यदि समय रहते ड्रेनेज की हालत को सही ढंग से सुधारा गया होता तो हर साल बरसात के बाद पैच वर्क की जरूरत ना के बराबर होती.
वाहन चालकों के लिए मुसीबत
सुरेंद्र बताते हैं कि सड़कों पर बने बड़े-बड़े गड्ढे वाहन चालकों के लिए मुसीबत बने हुए हैं. इन गड्ढों की वजह से दो पहिया वाहन चालकों को ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है. वहीं, सड़क पर गड्ढे होने की वजह से धूल मिट्टी उड़ती रहती है. जिससे वाहन चालकों सहित राहगीरों को भी काफी दिक्कत होती है.
पैच वर्क पर उठाए सवाल
लोक निर्माण विभाग के द्वारा बरसात के चलते सड़कों को हुए नुकसान के बाद इन दिनों पैचवर्क किया जा रहा है. शहर के लोगों का कहना है कि पैचवर्क करते हुए पीडब्ल्यूडी क्वालिटी का बिलकुल भी ख्याल नहीं रखता है. जिसकी वजह से दो से तीन दिन में ही सड़कों पर से गिट्टियां उखड़ने लगती है.
सरकार को भेजी जा चुकी है नुकसान की रिपोर्ट
वहीं लोक निर्माण विभाग मंडलीय कार्यालय मंडल दो के अधिशासी अभियंता केके शर्मा का कहना है कि इस बार बारिश से मंडी सदर में 25 करोड़ का नुकसान हुआ है. बरसात के दिनों में जहां सड़क धंसने की कई घटनाएं सामने आई हैं वहीं कई लोगों की निजी संपत्ति भी इस बरसात में धंस गई है. सरकार को बरसात में हुए नुकसान की रिपोर्ट भेज दी गई है. नुकसान की भरपाई के लिए मंडी सदर को 50 लाख रुपये की राशि सरकार की ओर से मिली है. शहर की सड़कों को दुरुस्त करने का काम 15 से 20 दिन में पूरा कर कर लिया जाएगा.