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कुल्लू में मरीजों को मुसीबत में याद आता है क्रिस ठाकुर, अब तक हजारों मरीजों को उपलब्ध करवा चुके हैं रक्त - Krishna Thakur of Kullu

जिला कुल्लू के कृष्ण ठाकुर उर्फ क्रिस बीते 10 सालों से लगातार कुल्लू अस्पताल में रक्त से संबंधित सभी जरूरतों को पूरा करने में अपनी सेवाएं दे रहे (world blood donation day 2022) हैं. यही नहीं वह जरूरत पड़ने पर दुर्लभ रक्त की कमी को भी पूरा करने के लिए भी अपना पूरा सहयोग देते है. ताकि रक्त की कमी के कारण किसी मरीज की मौत ना हो (Krishna Thakur of Kullu) सके.

blood donation day 2022 in kullu
कुल्लू में मरीजों को मुसीबत में याद आता है क्रिस ठाकुर, अब तक हजारों मरीजों को उपलब्ध करवा चुके हैं रक्त

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Published : Jun 14, 2022, 12:36 PM IST

कुल्लू:देश दुनिया में जहां मंगलवार को विश्व रक्तदान दिवस (world blood donation day 2022) मनाया जा रहा है, तो वहीं कई जगह पर रक्तदान करने के फायदे के बारे में भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है. कई बार परिस्थितियां ऐसी हो जाती है कि मरीज को अचानक रक्त की कमी हो जाती है और परिजनों को भी इसके लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है, लेकिन जिला कुल्लू में रक्त की कमी होने पर लोगों को सिर्फ एक ही नाम याद आता है और वह नाम है कृष्ण ठाकुर (Krishna Thakur of Kullu) उर्फ क्रिस. क्रिस ठाकुर बीते 10 सालों से लगातार कुल्लू अस्पताल में रक्त के संबंधित सभी जरूरतों को पूरा करने में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

क्रिस ठाकुर कुल्लू में री इमेजिन संस्था का भी संचालन करते हैं और संस्था से जुड़े हुए युवा भी लगातार रक्तदान कर हजारों मरीजों की जान बचा चुके हैं. क्रिस ठाकुर की शुरुआत ही सुबह कुल्लू अस्पताल से होती है. अस्पताल में भर्ती मरीज भी जब रक्त के लिए परेशान होते हैं तो वह सीधा क्रिस ठाकुर से संपर्क करते हैं. क्रिस ठाकुर अपनी संस्था के सदस्यों के साथ हमेशा संपर्क में रहते हैं और जो भी ग्रुप की जरूरत होती है. उसे तुरंत मरीजों को उपलब्ध करवाया जाता है. ऐसे में रक्तदान के क्षेत्र में कार्य करने के लिए जिला कुल्लू के अलावा प्रदेश व देश की कई विभिन्न संस्थाओं के द्वारा भी क्रिस ठाकुर को सम्मानित किया जा चुका है.

क्रिस ठाकुर का कहना है कि कई बार मरीजों को दुर्लभ रक्त की जरूरत होती (blood donation day 2022 in kullu) है. इसके लिए भी उन्होंने एक ग्रुप तैयार किया हुआ है. जिस भी युवक का ग्रुप दुर्लभ होता है उसे उसी दौरान ही रक्तदान के लिए बुलाया जाता है. बाकी अन्य युवाओं के रक्त ग्रुप रजिस्टर में दर्ज किया जाता है, ताकि जब भी रक्त की कमी हो तो उसी दौरान पता चल सके कि किस युवा का ग्रुप क्या है और उसने पिछली बार कब रक्तदान किया था.

क्रिस ठाकुर का कहना है (krish Thakur of Kullu) कि कोरोना काल के दौरान भी अस्पताल में रक्त की काफी कमी रही. ऐसे में जिला प्रशासन के साथ मिलकर उन्होंने विभिन्न रक्तदान शिविर का आयोजन किया और मरीजों को रक्त की कमी नहीं होने दी. उनका कहना है कि समाजसेवा से जुड़े कार्य में भाग लेकर उन्हें काफी संतोष मिलता है और रक्तदान करने से शरीर भी पूरी तरह से स्वस्थ रहता है. ऐसे में वे युवाओं को भी रक्तदान करने के लिए हमेशा प्रेरित करते रहते हैं, ताकि रक्त की कमी के कारण किसी मरीज की मौत ना हो सके.

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