कुल्लू: चैत्र नवरात्र और हिंदू नववर्ष शुरू होते ही देवभूमि की शक्तिपीठों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है. घाटी के सभी मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना भी की गई. माता के जयकारे से मंदिर गूंज उठे. वहीं, दूसरी ओर कुल्लू में विरशु देवी देवताओं के सम्मान में बिरशु मेले का आगाज हो चुका है.
माता के जयकारे से गूंज उठे मंदिर, लालड़ी नृत्य के साथ शमशी गांव में विरशु मेले का आगाज
कुल्लू के प्रवेश द्वार भुंतर के शमशी गांव में माता ज्वाला के सम्मान में हर साल आयोजित होता है यह पौराणिक मेला. मेले का मुख्य आकर्षण होता है लालड़ी नृत्य. तीन दिन चलने वाले इस मेले में खेल एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी होता है.
जिला कुल्लू के प्रवेश द्वार भुंतर के शमशी गांव में माता ज्वाला के सम्मान में हर साल विरशु मेले का आयोजन होता है. इस मेले का मुख्य आकर्षण लालड़ी नृत्य है. माता के रथ के साथ स्थानीय महिलाएं लालड़ी नृत्य करती है. यह सिलसिला तीन दिन तक चलता है.
वहीं, लालड़ी नृत्य कर रहीं स्थानीय महिला ने बताया कि शनिवार से शमशी विरशु मेले का आगाज हो गया है. तीन दिन चलने वाले इस मेले के पहले दिन लालड़ी नृत्य किया जाता है. साथ ही खेलों का आयोजन भी किया जाता है. मंदिर कमेटी के प्रधान नानक चंद ने कहा कि विरशु मेला बहुत पौराणिक है. पहले दिन महिलाएं लालड़ी नृत्य कर रही है. दूसरे और तीसरे दिन खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.