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3D printing in Himachal: कुल्लू के विपुल ने घर बैठे ही 3D प्रिंटर से बनाए प्लास्टिक के उत्पाद

3D प्रिंटर जिसे की 3 Dimensional Printer भी कहा जाता है. एक ऐसा प्रिंटर होता है जो किसी भी वस्तु को ठीक उसी के जैसा प्रिंट करने में सक्षम होता है. हिमाचल के कुल्लू जिले के हाट गांव के रहने वाले विपुल भी घर पर ही इस (3D printing in Himachal) आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर प्लास्टिक के सामान के साथ-साथ अन्य जरूरी उपकरण (Vipul making products with 3D printers) भी तैयार कर रहे हैं.

Vipul making products with 3D printers
कुल्लू में 3डी प्रिंटर का प्रयोग

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Published : Dec 18, 2021, 2:28 PM IST

Updated : Jan 4, 2022, 2:02 PM IST

कुल्लू: दुनिया में बढ़ती तकनीक और आधुनिकता के इस दौर में हमें कल्पना करने के लिए ज्यादा सोचने की जरुरत नहीं है. आज के युग में जिस चीज की हम कल्पना करते हैं उसे आसानी से सच भी कर सकते हैं. वर्तमान युग में इंसान जिस भी चीज की कल्पना कर सकता है, उसे थ्री डी प्रिंटिंग की मदद से छाप कर निकाल भी सकता है. फिर चाहे वो आपकी पसंदीदा गाड़ी हो, घर हो, जूते हो, या कुछ भी चीजें. जिन्हें आप पसंद करते हैं उसे अपने डिजाइन की मदद से बना सकते हैं.

ऐसा ही कुछ कुल्लू जिले के विपुल राजन ने अपने घर पर कर दिखाया है. कुल्लू के हाट गांव के रहने वाले विपुल ने (Plastic products with 3d print) एनआईटी में कंप्यूटर एंड साइंस में डिग्री हासिल की है. वहीं, अब विपुल 3डी तकनीक के माध्यम से घर पर ही प्रिंटर की सहायता से प्लास्टिक के सामान सहित अन्य जरूरी उपकरणों के लिए भी (Vipul making products with 3D printers) चीजें तैयार कर रहे हैं. युवाओं के लिए प्रेरणा बने विपुल (first 3D printer of Himachal) का मानना है कि अगर कोई भी कंप्यूटर की थोड़ी जानकारी रखता है तो वह भी इस तकनीक का सहारा ले सकता है और किसी भी तरह के डिजाइन को अपने घर पर प्रिंट कर सकता है, ताकि घर के जरूरी सामान के अलावा मशीनरी के लिए लिए प्रयोग में लाए जाने वाले सामान को भी वे अपने आप तैयार कर सकें.

वहीं, इस माध्यम को लोग आजीविका का साधन भी बना सकते हैं. विपुल के अनुसार इस तकनीक के माध्यम से सिलिकॉन से मानव अंग को भी तैयार किया जा सकता है, ताकि उस अंग का दिव्यांग लोगों को भी फायदा हो सके. स्कूली बच्चों को भी इस आधुनिक तकनीक की जानकारी देने के लिए विपुल ने तैयारी कर ली है. विपुल का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में भी सरकारी स्कूलों की लैब में 3D प्रिंटर आने लगे हैं. जल्द ही इस तकनीक से स्कूल के छात्र भी अवगत होंगे, लेकिन अभी इस तकनीक को समझाने वाले शिक्षकों की कमी है.

वीडियो.

ऐसे में अगर कोई छात्र 3-डी प्रिंटिंग तकनीक के बारे में (Vipul making products with 3D printers) जानकारी लेना चाहते हैं, तो वह उनसे भी संपर्क कर सकते हैं. ताकि वे छात्रों को भी इस आधुनिक तकनीक से अवगत करवा सकें. हिमाचल में इस आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल (3D printing in Himachal) करने वाला विपुल पहला युवक बन गया है. बता दें कि थ्री डी प्रिंटिंग विनिर्माण की एक तकनीक प्रक्रिया है, जिसका इस्तेमाल कर हम रोजमर्रा की चीजें बना सकते हैं. यह एक खास पीढ़ी की मशीन है, जिसमें एक ही मशीन से अलग-अलग प्रकार की सामग्रियों को आसानी से बनाया जा सकता है. इसके साथ ही विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का उत्पादन किया जा सकता है.

कुल्लू में 3डी प्रिंटर का प्रयोग

गौर रहे कि जहां साधारण प्रिंटिंग मशीन में इंक और पन्नों की जरुरत होती है वहीं, इस 3डी प्रिंटिंग मशीन में प्रिंट की जाने (3D printing in Himachal) वाली वस्तु के आकार और रंग आदि का चुनाव कर प्रिंट करने वाले पदार्थ को डाला जाता है. थ्री डी आपको सस्ती और सुंदर वस्तु बनाकर दे सकता है. वो भी कठिन आकार वाली जिसे कोई और मशीन नहीं बना सकती है. वहीं, इस थ्री डी प्रिंटर में बड़ी कम लागत के साथ सामानों को अपने हिसाब से प्रिंट किया जा सकता है.

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Last Updated : Jan 4, 2022, 2:02 PM IST

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