कुल्लू: दुनिया में बढ़ती तकनीक और आधुनिकता के इस दौर में हमें कल्पना करने के लिए ज्यादा सोचने की जरुरत नहीं है. आज के युग में जिस चीज की हम कल्पना करते हैं उसे आसानी से सच भी कर सकते हैं. वर्तमान युग में इंसान जिस भी चीज की कल्पना कर सकता है, उसे थ्री डी प्रिंटिंग की मदद से छाप कर निकाल भी सकता है. फिर चाहे वो आपकी पसंदीदा गाड़ी हो, घर हो, जूते हो, या कुछ भी चीजें. जिन्हें आप पसंद करते हैं उसे अपने डिजाइन की मदद से बना सकते हैं.
ऐसा ही कुछ कुल्लू जिले के विपुल राजन ने अपने घर पर कर दिखाया है. कुल्लू के हाट गांव के रहने वाले विपुल ने (Plastic products with 3d print) एनआईटी में कंप्यूटर एंड साइंस में डिग्री हासिल की है. वहीं, अब विपुल 3डी तकनीक के माध्यम से घर पर ही प्रिंटर की सहायता से प्लास्टिक के सामान सहित अन्य जरूरी उपकरणों के लिए भी (Vipul making products with 3D printers) चीजें तैयार कर रहे हैं. युवाओं के लिए प्रेरणा बने विपुल (first 3D printer of Himachal) का मानना है कि अगर कोई भी कंप्यूटर की थोड़ी जानकारी रखता है तो वह भी इस तकनीक का सहारा ले सकता है और किसी भी तरह के डिजाइन को अपने घर पर प्रिंट कर सकता है, ताकि घर के जरूरी सामान के अलावा मशीनरी के लिए लिए प्रयोग में लाए जाने वाले सामान को भी वे अपने आप तैयार कर सकें.
वहीं, इस माध्यम को लोग आजीविका का साधन भी बना सकते हैं. विपुल के अनुसार इस तकनीक के माध्यम से सिलिकॉन से मानव अंग को भी तैयार किया जा सकता है, ताकि उस अंग का दिव्यांग लोगों को भी फायदा हो सके. स्कूली बच्चों को भी इस आधुनिक तकनीक की जानकारी देने के लिए विपुल ने तैयारी कर ली है. विपुल का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में भी सरकारी स्कूलों की लैब में 3D प्रिंटर आने लगे हैं. जल्द ही इस तकनीक से स्कूल के छात्र भी अवगत होंगे, लेकिन अभी इस तकनीक को समझाने वाले शिक्षकों की कमी है.