कुल्लू: हिमाचल प्रदेश पावर निगम लिमिटेड की 100 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता वाली सैंज जल विद्युत परियोजना प्रबंधन के खिलाफ परियोजना से प्रभावित हुए ठेकेदार, सप्लायर्स, भूमि व मकान मालिक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. परियोजना का निर्माण करने वाली हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा पिछले कई वर्षों से प्रभावित लोगों का पैसा नहीं दिया गया जबकि कंपनी ने लोगों की भूमि लीज पर ली थी. इसके अलावा परियोजना में कार्य करने वाले ठेकेदारों, सप्लायर इत्यादि को भी अभी तक पूरा पैसा नहीं दिया गया.
इस संबंध में परियोजना के उद्घाटन के समय सभी प्रभावित लोगों ने अपनी बकाया राशि को अदा करने की बात रखी थी. उस वक्त हिमाचल प्रदेश पावर निगम लिमिटेड ने लिखित में आश्वासन दिया था कि सभी का बकाया पैसा लौटाया जाएगा. जबकि आज 3 वर्ष बीत गए परंतु किसी को भी बकाया धनराशि तो दूर बल्कि निगम बात तक करने के लिए तैयार नहीं है. इस संबंध में कंपनी के शाढ़ावाई स्थित कार्यालय के बाहर ग्रामीणों ने हड़ताल शुरू कर दी है.
ग्रामीणों ने कंपनी को अल्टीमेटम देते हुआ कहा कि अगर 5 दिन के बाद कोई हल नहीं निकाला तो आमरण अनशन शुरू किया जाएगा. इस संबंध में अनशन को संचालित करने के लिए सैंज हाइड्रो प्रोजेक्ट लोकल कांट्रेक्टर्ज एंड लैंड लीज होल्डर यूनियन का गठन भी किया है. जिसमें सर्वसम्मति से रघुवीर सिंह को अध्यक्ष, मोहर सिंह, रामलाल व रामकृष्ण को उपाध्यक्ष, तेजा सिंह महासचिव, भूमा ठाकुर, विचित्र सिंह तथा नारायण सचिव जबकि गोपाल शर्मा को कोषाध्यक्ष नियुक्त किया है.
सैंज संघर्ष समिति के अध्यक्ष महेश शर्मा का कहना है कि अगर सरकार और कंपनी प्रबंधन द्वारा लोगों की समस्या का हल नहीं निकाला गया तो ग्रामीण भूख हड़ताल करने पर मजबूर हो जाएंगे. गौर रहे कि इससे पहले पार्वती परियोजना में अस्थाई रोजगार की मांग को लेकर भी ग्रामीणों ने क्रमिक अनशन किया था. जिसे बाद में स्थानीय विधायक सुरेंद्र शौरी द्वारा सुलझाया गया था. अब देखना यह होगा कि एचपीपीसीएल से प्रभावित ग्रामीणों की मांग को पूरा करने के लिए प्रशासन और सरकार क्या कदम उठाती है.