कुल्लू: जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मनाली के विभिन्न पर्यटन स्थल बर्फबारी के बाद अब खिल उठे हैं. बीते सप्ताह हुई बर्फबारी से सभी पर्यटन स्थल 3 से 4 फीट बर्फ से लकदक हो गए हैं और रोजाना हजारों सैलानी बर्फ के बीच अठखेलियां करने के लिए भी पहुंच रहे हैं. पर्यटन नगरी मनाली के (Tourist continues to come Manali) सोलंग नाला में अभी भी 3 फीट से अधिक बर्फ जमा है और सैलानी फोर बाई फोर वाहनों के माध्यम से अटल टनल भी पहुंच रहे हैं. इसके अलावा सैलानी सोलंगनाला के (Snowfall in Solang Nala) साथ लगते अंजनी महादेव भी पहुंच रहे हैं और वहां पर भगवान शिव के दर्शन कर रहे हैं.
सोलंग नाला में सैलानी स्कीइंग और घुड़सवारी का भी मजा ले रहे हैं. सड़क किनारे बर्फ अधिक होने के चलते सैलानियों को अपने वाहनों को पार्क करने में दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है और सुबह शाम के समय सोलंग नाला में कुछ जगह पर ट्रैफिक जाम की समस्या से भी लोगों को जूझना पड़ रहा है. ऐसे में कुल्लू पुलिस के जवान भी जगह-जगह तैनात कर दिए गए हैं ताकि यहां पर ट्रैफिक जाम से लोगों को निजात मिल सके.
पर्यटन नगरी मनाली में सैलानियों के आने का सिलसिला जारी. हालांकि बीआरओ के द्वारा मनाली से केलांग सड़क मार्ग को बहाल कर दिया गया है लेकिन अभी भी हिमस्खलन की आशंका के चलते पर्यटकों को सिर्फ सोलंग नाला तक ही भेजा जा रहा है और कुछ पर्यटक फोर बाई फोर वाहनों के माध्यम से ही अटल टनल तक पहुंच पा रहे हैं. टनल के दोनों छोर पर बनी पार्किंग में भी बर्फ के ढेर लगे हुए हैं. ऐसे में पार्किंग से बर्फ हटाने के बाद ही प्रशासन सभी पर्यटक वाहनों को अटल टनल की ओर भेजेगा.
लाहौल घाटी के सिस्सू पंचायत में देव कार्यक्रम के चलते सभी प्रकार की पर्यटन गतिविधियां भी बंद है. ऐसे में देव कार्यक्रम के संपन्न होने के बाद ही पर्यटकों को सिस्सू आने की अनुमति दी जाएगी. सिस्सू पंचायत के पूर्व प्रधान जगदीश ने बताया कि 14 फरवरी से 2 सप्ताह तक देव कार्य के चलते सिस्सू में पर्यटन गतिविधियों को बंद रखा गया है. जिस कारण होमस्टे व होटल में बुकिंग नहीं की जा रही है. फरवरी के अंत में सभी पर्यटन गतिविधियों को शुरू कर दिया जाएगा.
मनाली होटल एसोसिएशन के (Manali Hotel Association) अध्यक्ष मुकेश ठाकुर का कहना है कि बर्फबारी से मनाली के पर्यटन को भी बढ़ावा मिला है और बाहरी राज्यों से पर्यटकों का आना लगातार जारी है. ऐसे में बर्फबारी से यहां के धीमे चल रहे व्यवसाय को भी अब गति मिल रही है. होटल कारोबार के साथ-साथ यहां पर स्थानीय लोगों के रोजगार में भी पर्यटकों के आने से वृद्धि हुई है.
ये भी पढ़ें:सिरमौर: चुनावी साल में फिर गूंजा गिरीपार को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने का मुद्दा