हिमाचल में 'आप' का ऐलान-ए-जंग कल, शंखनाद के लिए मंडी और 6 अप्रैल को ही क्यों चुना?:दिल्ली और पंजाब के बाद आम आदमी पार्टी की नजर अब हिमाचल प्रदेश पर है, जहां इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. 'आप' ने हिमाचल की सभी 68 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. हिमाचल में चुनावी शंखनाद के लिए पार्टी ने मंडी को चुना है, जहां बुधवार 6 अप्रैल को आगामी चुनावों के लिए शंखनाद होगा. मंडी में आप का रोड शो होगा (Aap road show in mandi) जिसमें पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान समेत पार्टी के कई नेता मौजूद होंगे. यहां पढ़ें पूरी खबर...
कांग्रेस विधायक का गंभीर आरोप, 'हिमाचल की शांति के लिए खतरा बन सकती है AAP':कांग्रेस विधायक सुंदर ठाकुर ने आम आदमी पार्टी (congress mla sunder thakur on aap) पर निशाना साधा है. कांग्रेस विधायक सुंदर ठाकुर ने आम आदमी पार्टी पर खालिस्तानी विचारधारा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. सुंदर ठाकुर ने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी ने मुफ्त बिजली देने का वादा किया था. वो अब इस वादे से मुकर गई है और केंद्र सरकार से राज्य को चलाने के लिए पैसे की मांग कर रही है. यहां पढ़ें पूरी खबर...
हिमाचल में बढ़ी AAP की सक्रियता, पूर्व सरपंच जबना चौहान और कांग्रेस नेता दीपक शर्मा ने थामा 'झाड़ू':पूर्व सरपंच जबना चौहान (former sarpanch jabna chauhan) और मंडी जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष दीपक शर्मा (former mandi congress president deepak sharma) ने आम आदमी पार्टी (aam aadmi party himachal) का दामन थाम लिया है. यहां पढ़ें पूरी खबर...
शुभरा जिन्टा ने केंद्र और जयराम सरकार पर साधा निशाना, इस मुद्दे पर घेरा:मंहगाई के मुद्दे पर केंद्र पर निशाना साधते हुए शुभरा जिन्टा (shubhra zinta on inflation issue) ने कहा कि आज महंगाई आसमान छू रही है. महंगाई हर दिन नया रिकॉर्ड बना रही है. महंगाई कम करने और युवाओं को रोजगार देने की बात होनी चाहिए, लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार लोगों का ध्यान भटकाने का काम कर रही है. यहां पढ़ें पूरी खबर...
करोड़ों के घाटे में निगम और बोर्ड, तीन साल में कर्ताधर्ताओं के मानदेय पर लाखों हुए खर्च:छोटा पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश एक बड़े कर्ज के बोझ तले दबा है. हिमाचल पर 63 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है. हाल ही में ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) की मांग को लेकर प्रदेश में बड़ा आंदोलन हुआ. ओपीएस (OPS in Himachal) के समर्थकों का कहना है कि जब विधायकों को भारी भरकम पेंशन मिल सकती है तो कर्मचारियों को इस हक से क्यों वंचित किया जा रहा है. उस समय हिमाचल के माननीयों के वेतन का मुद्दा भी खूब उछला था. यहां माननीयों के वेतन और भत्तों से अलग एक ऐसे विषय पर चर्चा जरूरी है, जिसका जिक्र अकसर खबरों के शोर में गुम हो जाता है.यहां पढ़ें पूरी खबर...