कुल्लू:प्रदेश में बेहतर शिक्षा का सपना देखने वाले विद्यार्थियों की उम्मीद अभी भी जुगाड़ के भंवरजाल में फंसी है. एक तरफ सरकार तो दावा करती है कि प्रदेश के बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी, लेकिन दूसरी ही तरफ कई ऐसे स्कूल हैं जो जुगाड़ पर चल रहे हैं. कहीं और नहीं हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री के गृह जिले में ही ऐसा हाल है. जहां प्राइमरी स्कूल बनोगी के पास पिछले दस सालों से न तो अपनी जमीन है और न ही भवन. परिणामस्वरूप स्कूल के 36 बच्चे दाखिल तो प्राइमरी स्कूल बनोगी में हैं, लेकिन पढ़ाई दूसरे स्कूल नलहाच के एक कमरे में कर रहे हैं. लेकिन अब नलहाच स्कूल का भवन भी असुरक्षित हो गया है. जिस कारण अब सभी बच्चे नीली छतरी के नीचे आ गए हैं, यानी खूले आसमान के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर हैं.
यह मामला तब सामने आया जब गांव (primary school Banogi) के लोग अपनी गुहार लेकर डीसी कुल्लू कार्यलय पहुंचे. कूल्लु के बनोगी गांव के (banogi village of Kullu) सभी लोगों ने मंगलवार को डीसी आशुतोष गर्ग को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान बनोगी पंचायत की प्रधान गोमती देवी ने बताया कि बनोगी गांव में प्राईमरी स्कूल का भवन नहीं है. यह स्कूल पहली से पांचवी तक के छात्रों के लिए सरकार द्वारा मंजूर किया गया है. उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने पिछले एक वर्ष से स्कूल के भवन निर्माण के लिए सरकार और विभाग से कई बार बात की, लेकिन कोई भी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है.