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फिर आमने सामने लद्दाख और मनाली टैक्सी ऑपरेटर, सीमा विवाद बनी वजह

मनाली और लेह-लद्दाख टैक्सी ऑपरेटर के बीच पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हुए सरचू की सीमा को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. इसके कारण टैक्सी चालक और पर्यटकों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.

सरचू पर्यटन स्थल

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Published : Jul 13, 2019, 1:09 PM IST

कुल्लू: मनाली से लेह लद्दाख के बीच पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हुए सरचू की सीमा का विवाद गहराता जा रहा है. विवाद के कारण अब मनाली और लेह लद्दाख के टैक्सी ऑपरेटर आमने-सामने आ गए हैं.

बता दें कि जून के अंत में मनाली से लद्दाख गए छह वाहनों के साथ हुई तोड़फोड़ के बाद ये विवाद शुरू हुआ था. लद्दाख-मनाली टैक्सी यूनियनों के बीच बढ़ते विवाद के कारण चालकों के साथ-साथ पर्यटकों को भी परेशानी हो रही है.

सरचू पर्यटन स्थल

मनाली के चालकों का आरोप है कि लेह जाने पर उन्हें वहां न रुकने दिया जा रहा है और न ही वापसी में सवारी उठाने दी जा रही है. पहले दोनों ओर से सवारियां मिलने से किराया कम था, लेकिन अब एक तरफ की ही सवारी मिलने से किराया बढ़ गया है. बता दें कि प्रशासन ने मनाली से लेह तक छोटे वाहनों का 16 से 18 हजार रुपये व बड़े वाहनों का 24 से 25 हजार रुपये किराया निर्धारित किया है.

हिम आंचल टैक्सी ऑपरेटर यूनियन मनाली के अध्यक्ष गुप्तराम मारुति ने बताया कि उनकी ओर से विवाद की पहल नहीं की गई है, लेकिन लेह-लद्दाख के टैक्सी ऑपरेटर बिना किसी कारण के विवाद बढ़ा रहे हैं. मनाली की गाड़ियां तोडऩे के बाद लेह के निवासियों ने मनाली के चालकों के नुकसान की भरपाई भी की थी, लेकिन अब वे विवाद को फिर से तूल दिया जा रहा है.

उन्होंने लेह लद्दाख टैक्सी यूनियन से आग्रह किया कि विवाद को तूल न देकर समस्या सुलझाएं. विवाद न सुलझने पर मनाली टैक्सी यूनियन भी उनकी राह पर चलने को मजबूर होगी.

गुप्तराम मारुति ने कहा कि जम्मू कश्मीर को हिमाचल प्रदेश से जोड़ने वाला पर्यटन स्थल सरचू पर्यटन की दृष्टि से विकसित हो चुका है. लाहौल के युवाओं ने ही सरचू को विकसित करने में अहम भूमिका निभाई है. लाहौल के युवा दशकों से वहां टेंट लगाकर पर्यटन गतिविधियां चलाते हैं.

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