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बरसात में फैलने वाली बीमारियों को लेकर कुल्लू में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, टास्क फोर्स की गठित - जिला टास्क फोर्स समिति

जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील चंद्र शर्मा ने बताया कि बरसात के मौसम में स्क्रब टाइफस के मामले बढ़ जाते हैं. इन्हीं बीमारियों की रोकथाम के लिए जिला टास्क फोर्स समिति का गठन किया गया है.

Health Department constitutes Task Force Committee in Kullu
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील चंद्र शर्मा

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Published : Jul 27, 2020, 12:56 PM IST

कुल्लूःजिला में मानसून के दौरान डेंगू मलेरिया, स्क्रब टाइफस व कालाजार सहित अन्य जल जनित बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है. इन्हीं बीमारियों की रोकथाम के लिए कुल्लू में जिला टास्क फोर्स समिति का गठन किया गया है.

जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील चंद्र शर्मा ने बताया कि बरसात के मौसम में स्क्रब टाइफस के मामले बढ़ जाते हैं. ऐसे में लोग जब भी घास काटने के लिए जाएं तो वे अपना पूरा शरीर ढक कर जाए. वहीं, अपने आसपास झाड़ियों व गंदे पानी को एकत्र ना होने दें.

वीडियो रिपोर्ट.

उन्होंने बताया कि जल शक्ति विभाग को भी लोगों को स्वच्छ व सुरक्षित पेयजल उपलब्ध करवाने को कहा गया है. सीएमओ ने बताया कि जिला की डेढ़ लाख की आबादी मलेरिया संवेदनशील है, हालांकि डेंगू के मामले में नहीं है. मलेरिया संवेदनशील क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी बढ़ा दी है.

उन्होंने बताया कि सतलुज की सीमा के साथ आनी व निरमंड में कालाजार पाया जाता है, जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने इसकी रोकथाम के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी है. जल शक्ति विभाग को पानी की टंकियों को क्लोरीनेशन नियमित करने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, विभाग से रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है कि कितनी टंकियों की सफाई विभाग की ओर से की गई है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि शिक्षा विभाग से भी आग्रह किया गया है कि वे स्कूलों में लगे पानी की टंकी सफाई करें. साथ ही एक चार्ट डिस्प्ले करें ताकि स्कूलों में किसी भी प्रकार की बीमारी फैलने की आशंका न रहे.

सीएमओ ने बताया कि जिला में 2019 में 2148 और 2020 में 917 मामले क्षय रोग के सामने आए हैं. बीते साल से 60 लोगों की मौत हुई थी और साल 2020 में 20 लोग काल का ग्रास बने हैं.

टीबी का पता लगाने के लिए जिला के लोगों के टेस्ट किए जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि टीबी का रोग जानलेवा हो सकता है. दवाई का नियमित तौर पर सेवन न किया जाए. इसके लिए टेस्ट भी लिए जा रहे हैं. वहीं, गांव में बच्चों में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए आंगनबाड़ी को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं.

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