किन्नौर: जिला किन्नौर के मुख्यालय रिकांगपिओ में प्रदेश कांग्रेस सचिव सत्यजीत नेगी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि आज प्रदेश के बागवानों को अपने सेब की फसल के अच्छे दाम नहीं मिलने का कारण निजी कंपनियां हैं जो सेब के दाम स्वयं तय कर रहे हैं और सरकार सेब के दाम तय नहीं कर रही है. जिसके चलते बागवानों को अपने सेब की फसल को मामूली दामों मे बेचना पड़ रहा है और आज सेब के कार्टन के दाम (apple carton price in himachal) तक निजी कंपनी तय कर रही है जो बिल्कुल भी सही नहीं है.
नेगी ने कहा कि प्रदेश समेत किन्नौर में बागवानों की आय का (Satyajeet Negi on adani company) साधन सेब है. ऐसे में बागवानों को कई दशकों से अपने सेब की फसल के अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं और सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है. उन्होंने कहा कि सेब के कार्टन, सेब के दाम, सेब के आयात निर्यात में सब्सिडी, सेब ढुलाई में वाहनों का किराया, इत्यादि सरकार को तय करना चाहिए, जबकि आज के समय हो यह रहा है कि सेब के दाम भी अडाणी कंपनी तय कर रही है और सेब के कार्टन भी अडाणी कंपनी मनमर्जी के दामों पर बेच रही है.